Poultry farming: आप सभी ने देखा होगा की भर मैं पोल्ट्री फार्मिंग कारोबार बेहद तेजी से बढ़ रहा है। और साथ साथ मीट का व्यवसाय की डिमांड भी बढ़ रही है। ग्रामीण इलाकों में मुर्गे के मांस के व्यापार से जुड़कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। और कुछ नुकसान भी उठा रहे है – इसके पीछे मुर्गे की सही नस्ल का चुनाव नहीं यह एक बढ़ी वजह है । अगर आप अपने पोल्ट्री के लिए सही और उच्च दर्ज के मुर्गों को पालनेगे तो कभी नुकसान नहीं होगा – इसी लिए इस आर्टिकल मैं हम आपको 3 ऐसे मुर्गों की जनकारी देंगे – जिनकी मार्किट मैं बोहत मांग है ।
1 कड़कनाथ मुर्गे का करें पालन
Kadaknath: अगर मीट के व्यवसाय को बूस्ट करना है तो किसान कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर सकते हैं। यह नस्ल मध्य प्रदेश में पाई जाती है। इसके मीट में प्रोटीन 25 प्रतिशत तक पाया जाता है। साथ ही इसके मांस का उपयोग कई तरह की दवाएं बनाने में भी किया जाता है।यह मुर्गा मार्केट में 3 से 4 हजार रुपये में बिकता है। इसका पालन कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।
2 असील मुर्गे का नस्ल भी मीट के कारोबार को करेगा बूस्ट
Asil chicken: असील मुर्गे का नस्ल भी मीट का कारोबार बूस्ट कर सकता है। यह नस्ल उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में बड़े पैमाने पर पाई जाती है।इस नस्ल का चिकन बहुत अच्छा होता है। प्रोटीन के मामले में ये मुर्गा भी कड़कनाथ से कम नहीं है। हालांकि, इन मुर्गों का व्यवहार काफी झगड़ालू होता है. इनका उपयोग मुर्गों को मैदान में लड़ाने में होता है। इन मुर्गों का वजन 4-5 किलोग्राम तक होता है।
3 वनराजा मुर्गे का देगा बढ़िया मुनाफा
Vanaraja: वनराजा मुर्गे का पालन पोल्ट्री व्यवपारियों को बढ़िया मुनाफा दे सकता है। मीट व्यवसायियों के बीच ये नस्ल काफी प्रसिद्ध है। इसका मीट व्यवसायियों को काफी मुनाफा देता है। इस नस्ल के मुर्गे का पालन कर व्यवसायी बेहद कम वक्त में अमीर बन सकते हैं।
पोल्ट्री फार्म के लाभ
अच्छी कमाई
रोज़गार के अवसर बढ़ाता है
काम शुरू करने के लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है
आय के निरंतर स्रोत के रूप में माना जाता है
कम पानी की आवश्यकता होती है
पोल्ट्री उत्पाद अधिक पोषण प्रदान करते हैं
पोल्ट्री व्यवसाय में कम समय में कोई लाभ-हानि नहीं होती है
दो प्रकार के खाद्य पदार्थों का उत्पादन – अंडे और मांस