Ginger_अदरक की खेती की संपूर्ण जानकारी

Ginger Farming Business

Ginger_अदरक की खेती की संपूर्ण जानकारी


Adrk Ki Kheti :अगर आपके पास जमीन है या आप खेती करना चाहते हैं तो यह आइडिया आपके लिए बेस्ट है। आप कम लागत में अत्यधिक उत्पादक अदरक की खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप इससे बंपर मुनाफा कमा सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की लगभग 58 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। इस लिए खेती व्यवसाय हमेशा फायदेमंद रह सकता है , अगर आप मार्किट के हिसाब से खेती करते है तो । कहने का मतलब है की अगर आप ढंग से किसी फसल के बारे मैं जानकारी लेकर उसकी खेती करते है – तो मुनाफा जरूर होगा और आप खेत मैं क्या लगाना है यही सोच रह है तो – ये आर्टिकल आपके लिए ही है – आप बस इसे पूरा पढ़िए और आपको यह आइडिया ठीक लगे तो आप इसकी खेती कर सकते है और लाखों मैं कमा सकते है ।

Ginger Farming -अदरक की खेती कैसे करे 

Ginger Farming Business: अदरक का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में न केवल मसाले, औषधि के रूप में बल्कि कुछ सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है। अदरक का महत्व वैदिक काल से ही चला आ रहा है। इसका इस्तेमाल चाय से लेकर सब्जी और अचार में हर चीज में किया जाता है। अदरक ढाई से तीन फुट लंबी, पीले रंग की जड़ होती है जो जमीन के अंदर उगती है। अदरक का पेस्ट ( सुंठ ) बनाने के लिए अदरक को धूप में सुखाया जाता है और कहीं दूध में भिगोया जाता है। अदरक का पेस्ट अदरक से ज्यादा उग्र होता है, सुंठ का तेल निकाला जाता है। गीली मिट्टी में अदरक रखने से लंबे समय तक टिका रहता है। अदरक को साल भर अच्छी मांग के साथ-साथ कीमतें भी अच्छी रहती हैं। सर्दियों और मानसून के दौरान इसकी अत्यधिक मांग होती है। इसमें आप नौकरी से ज्यादा कमा सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मिलती है।

Varieties of Ginger – अदरक की किस्मों

Ginger Farming In Maharashtra : अदरक की खेती कंदों से की जाती है क्योंकि इसे बीजों से नहीं उगाया जा सकता। अदरक की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए पौधे का स्वस्थ होना आवश्यक है। अदरक की कटाई आम तौर पर दिसंबर के महीने में की जाती है और अगले सीजन के लिए रोपण अप्रैल-मई के महीने में होता है। तब तक इसे 4 से 5 महीने तक स्टोर करके रखना होता है। इस अवधि के दौरान, बेंत से वाष्पीकरण के कारण कंद सिकुड़ जाता है और कवक के कारण सड़ जाता है। लेकिन अगर कंद को सही तरीके से स्टोर किया जाए तो यह समस्या नहीं रहती है।स्टोर करने के बाद कंद को क्षति से बचाने के लिए स्वस्थ खेती से अदरक के पूर्ण परिपक्व कंदों का चयन किया जाना चाहिए। ऐसे में अच्छी अदरक की किस्में लगाने से किसानों को लाभ मिलता है। आज हम अपने किसान पाठक मित्रों के लिए महाराष्ट्र में उत्पादित अदरक की कुछ किस्मों के बारे में जानकारी देंगे

माहिम: इस किस्म की खेती हमारे महाराष्ट्र में व्यापक रूप से की जाती है। विशेष रूप से यह किस्म महाराष्ट्र की जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होती है और किसानों को अच्छी आमदनी होती है। दोस्तों इस प्रकार की अदरक की फसल बोने के 210 दिन बाद उपज शुरू हो जाती है। यह मध्यम ऊंचाई की सीधी बढ़ने वाली किस्म है, अदरक का पौधा छह से बारह फीट का होता है। इस प्रकार के अदरक में 18.7 प्रतिशत सुंठ होती है। अदरक की यह किस्म 20 टन प्रति हेक्टेयर उपज देने में सक्षम है। ऐसा जानकारों का कहना है ।

वरदा : यह अदरक की उन्नत किस्म है और जानकारों का दावा है कि यह बुवाई के 200 दिनों के भीतर उत्पादन के लिए तैयार हो जाती है। अदरक की इस उन्नत किस्म की फाइबर सामग्री 3.29 से 4.50 प्रतिशत तक होती है। इस किस्म के अदरक से सोंठ या सनथ की मात्रा 20.7 प्रतिशत होती है। जानकारों का दावा है कि यह नस्ल 22 प्रति हेक्टेयर तक उपज देने में सक्षम है।

महिमा : अदरक की यह किस्म विशेष रूप से अधिक उपज के लिए जानी जाती है। यह किस्म रोपण से 200 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म की अदरक की फसल 12 से 13 फीट की होती है। यह किस्म नेमाटोड के लिए प्रतिरोधी है। सुंठ का प्रमाण 19 प्रतिशत है। इस किस्म का प्रति हेक्टेयर 23 टन उपज देने का दावा किया गया है।

Ginger farming Hindi – अदरक की लागवड कैसे करे ?

अदरक की उन्नत खेती: अदरक की खेती गर्म और दमट जगहों पर की जाती है। अदरक के बुवाई के समय अदरक की गांठ बनाने के लिए मध्यम वर्षा की आवश्यकता होती है। अदरक की खेती बारिश के पानी पर निर्भर करती है। इसे अकेले भी खेत मैं लगा सकते है या पपीते और अन्य बड़े पेड़ फसलों के साथ लगाकर दोगुना मुनाफा कमा सकते है । एक हेक्टेयर में बुवाई के लिए 2 से 3 क्विंटल अद्रक के बीज की आवश्यकता होती है। अदरक का रोपण बेड बनाकर करनी चाहिए। इसके अलावा बीच में नालियों से भी पानी आसानी से बह जाता है। जलभराव वाले खेतों में अदरक की खेती नहीं करनी चाहिए।

अदरक कंद को 30 से 40 सेमी की दूरी पर एक पंक्ति में लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा आप चार से पांच सेंटीमीटर गहरे अदरक के कंद लगाना हैं, इसे बाद मिट्टी से ढक दें। अधिक पानी देना भी अदरक के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए सावधान रहें कि ऐसा न हो पाए।अदरक की खेती के दौरान आमतौर पर अदरक की कटाई में 8 से 9 महीने का समय लगता है। प्रति हेक्टेयर लगभग 150 से 200 क्विंटल अदरक की बुवाई करनी चाहिए। आपको प्रति हेक्टेयर 7 से 8 लाख रुपये खर्च करना पड़ सकता है।

Benefits of Ginger – अदरक के फायदे 

1. Digestive Disorders -पाचन विकार

2. Respiratory disorder – श्वसन विकार

3. Gynecological problems – स्त्री रोग

4. Pain killer – दर्द निवारक

 

Article By.- VikramMarket.

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