Polytunnel: पॉलीहाउस खेती क्‍या होती है?

Polytunnel: पॉलीहाउस खेती क्‍या होती है?

Polytunnel: पॉलीहाउस खेती क्‍या होती है?


पॉलीहाउस खेती एक विकासशील तकनीक है जो आधुनिक कृषि में अधिकतर उत्पादकता और फसल के संरक्षण के लिए उपयोग की जाती है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें खेती के लिए समर्थन युक्ति के लिए एक खुले मैदान की बजाय प्लास्टिक या पोलीथीन से बनी एक स्ट्रक्चर का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग खेती के लिए एक आधुनिक और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है।

पॉलीहाउस खेती के लिए उपयोग की जाने वाली संरचनाएं विभिन्न आकार और आकार में होती हैं जो बुनियादी रूप से एक स्टील या एल्यूमिनियम फ्रेम के साथ बनाई जाती हैं। इन संरचनाओं को प्लास्टिक या पोलीथीन से बनाया जाता है जो खेती के लिए बेहतर समर्थन प्रदान करता है। पॉलीहाउस खेती के लिए उपयोग की जाने वाली संरचनाएं कई अन्य विशेषताओं से लाभान्वित होती हैं, जिनमें शामिल हैं स्वतंत्र नियंत्रण तापमान, आधुनिक सिंचाई प्रणालियाँ, और समर्थित वातावरण नियोजन।

पॉलीहाउस खेती के लिए इस तकनीक का उपयोग करने के लिए उचित संरचनाओं के अलावा, इसमें विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो खेती के उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करते हैं। पॉलीहाउस खेती के उदाहरणों में उन्नत वातावरण नियोजन तकनीकों, एफ-एम बैल निकास प्रणालियों, सिंचाई समाधानों, पेशेवर उर्वरक और प्रकाश नियंत्रण प्रणालियों का उपयोग किया जाता है।

इसके अलावा, पॉलीहाउस खेती के उदाहरणों में स्वच्छ ऊर्जा तकनीक भी शामिल होती है जिसमें ऊर्जा के संग्रहण और उपयोग के लिए तैयार बनाए गए सौर ऊर्जा पैनल और जल संचय उपकरण शामिल होते हैं।

पॉलीहाउस खेती की अधिकतर विशेषताएं खेती के लिए एक विकासशील तकनीक के रूप में स्थापित हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।

पॉलीहाउस खेती के लाभ

पॉलीहाउस खेती के उपयोग से कई लाभ होते हैं। यहां हम कुछ मुख्य लाभों के बारे में चर्चा करेंगे:

  • उत्पादकता में वृद्धि: पॉलीहाउस खेती में बोटाई गई फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है। इसलिए, इस तकनीक का उपयोग करने से खेतीकरों को बेहतर उत्पादकता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
  • फसलों की सुरक्षा: पॉलीहाउस खेती में, बोटाई गई फसलों को विभिन्न प्रकार की मानसूनी अवस्थाओं से सुरक्षा मिलती है। इसलिए, खेती के उत्पादकों को अपनी फसल की सुरक्षा की चिंता नहीं करनी पड़ती।
  • ऊर्जा संरक्षण: पॉलीहाउस खेती में ऊर्जा संरचनाओं का उपयोग करने से, खेती में ऊर्जा की बचत होती है। इससे किसान अपने खेती से अधिक उत्पादन करते हुए भी ऊर्जा की बचत कर सकते हैं।
  • वातावरण संरक्षण: पॉलीहाउस खेती में फसलों को नियंत्रित तापमान और आवश्यक मौजूदा वातावरण के अनुसार प्रदान किया जाता है। इससे फसलों के प्रकृतिक संरक्ष वातावरण का खराब होने के कारण और तबादलों से फसलों की संवेदनशीलता कम होती है। पॉलीहाउस खेती में इस समस्या का समाधान होता है। इससे न केवल खेती में अधिक उत्पादकता होती है, बल्कि इससे पर्यावरण की संरक्षा भी होती है।
  • संग्रहण क्षमता में वृद्धि: पॉलीहाउस खेती में फसलों की संग्रहण क्षमता में वृद्धि होती है। इससे फसल के संग्रहण और भंडारण के लिए ज्यादा स्थान नहीं चाहिए होता है।
  • संचयन क्षमता में वृद्धि: पॉलीहाउस खेती में फसलों की संचयन क्षमता में वृद्धि होती है। इससे फसल के संचयन का समय भी कम होता है।
  • रोगों का नियंत्रण: पॉलीहाउस खेती में फसलों को बीमारियों और कीटों से नियंत्रित करने के लिए केमिकल सफाई के स्थान पर बायो-सुरक्षा का उपयोग किया जाता है। इससे न केवल खेती में फसलों की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि यह संभव होता है कि खेती के उत्पादों में केमिकल की मात्रा कम हो।
  • समृद्ध उत्पादों का उत्पादन: पॉलीहाउस खेती में फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है जो समृद्ध उत्पादों का उत्पादन करती है। यह स्वस्थ फसलों के साथ-साथ बाहरी मार्केट में समृद्ध उत्पादों के लिए उत्पादकता में वृद्धि करता है।
  • संभव बारिश और तापमान के अवशेष: पॉलीहाउस खेती में फसलें वर्ष भर उपलब्ध रहती हैं। यह संभव बारिश और तापमान के अवशेष के साथ संभव होता है।
  • आवास सुविधा: पॉलीहाउस खेती में काम करने वाले किसानों के लिए आवास सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं।
  • फसलों की उच्चतम गुणवत्ता: पॉलीहाउस खेती में फसलों की उच्चतम गुणवत्ता होती है। इसमें फसलों को गुणवत्ता बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
  • स्थान और समय की बचत: पॉलीहाउस खेती में फसलों की संवेदनशीलता बढ़ती है और स्थान और समय की बचत होती है।

Published: 1-5-2023

Article By.- VikramMarket.


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