नवंबर मैं काले गेहूं के खेती Black Wheat : क्या आपने काले गेहू के खेती के बारे मैं सुना है ? औषधीय गुणों से भरपूर इस गेहूं की खेती के लिए नवंबर का महीना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। खेती की शुरुआत करने से पहले ये जरूर ध्यान रख लें कि मौसम में नमी जरूर होनी चाहिए। इसकी भी खेती सामान्य गेहूं के तरीके से ही होती है। सामान्य गेहूं की तरह ही इसकी देखभाल और खरपतवार नियंत्रण भी करना होता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से बाजार में काले गेहूं की मांग काफी अधिक है। इसमें एंथ्रोसाइनीन (एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक) अच्छी मात्रा में पाया जाता है. यह तत्व हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों के खिलाफ बेहद फायदेमंद है। काले गहु खेती कैसे की जाती है ? यदि आप काले गेहूं की बुवाई करने के लिए सीड ड्रिल विधि का इस्तेमाल करते है, तो आप बीज और उवर्रक की बचत कर सकते है | काले गेहूं का उत्पादन भी सामान्य गेहूं की तरह करते है| बाजार से इसके बीजो को खरीद कर बुवाई की जाती है | सामान्य रूप से पंक्तियों में बुवाई करने पर प्रति हेक्टेयर के खेत में 100 KG बीज तथा मोटे दाने के रूप में 125 KG बीजो की लागत लगती है | वही अगर बीजो की बुवाई छिड़काव विधि द्वारा की जाए तो 125 KG सामान्य दाने और 150 KG मोटे दाने प्रति हेक्टेयर के खेत में लगते है | बीज बुवाई से पहले जमाव का प्रतिशत जरूर देख ले | यह सुविधा राजकीय अनुसंधान केन्द्रो पर बिल्कुल निशुल्क होती है | यदि बीजो की अंकुरण दर कम पायी जाती है, तो बीज दर को बढ़ा दे, तथा प्रमाणित बीज न होने पर बीजो का शोधन जरूर कर ले | इसके लिए बीज बुवाई से पहले बीजो को पी.एस.वी., एजेटौवैक्टर से उपचारित करे | सिमित सिंचाई वाले इलाको में बुवाई के लिए रेज्ड वेड विधि का उपयोग करे, इससे सामान्य दशा में 75 KG तथा 100 KG मोटा दाना प्रति हेक्टेयर की दर से लगता है | काले गेहूं के खेती में दोगुना मुनाफा बता दें काले गेहूं की खेती कर किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में भी इसका भाव सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक है. बाजार में काला गेहूं 4,000 रुपए से लेकर 6,000 रुपए प्रति क्विंटल है. काले गेहूं के एक क्विंटल की कीमत सामान्य गेहूं से दोगुना अधिक है. इस हिसाब से किसान सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं से बंपर मुनाफा कमा सकता है। काला चावल भी होता है गेहूं ही नहीं काला चावल भी होता है। इंडोनेशिअन ब्लैक राइस और थाई जैसमिन ब्लैक राइस इसकी दो जानीमानी वैरायटी हैं। म्यामांर और मणिपुर के बॉर्डर पर भी ब्लैक राइस या काला चावल उगाया जाता है। इसका नाम है चाक-हाओ। इसमें भी एंथोसाएनिन की मात्रा ज्यादा होती है। Article By.- VikramMarekt. सभी मार्किट भाव कृषि व्यवसाय