10 सब्जिया जो गर्मियों मैं लगाए-पैसा कमाए Summer Vegetables to Grow : किसान अगर मौसम को धयान मैं रखकर खेती करे तो – यक़ीनन मुनाफा कमा सकते है । अगर आपके पास march – April मैं भरपूर मात्रा मैं पानी होता है , तो आपको गर्मियों के सीजन मैं सब्जिया लगनी चाइये – जिससे आप अच्छा खासा मुनफा कमा सकते है । क्यों की गर्मियों के सीजन मैं पानी के कमी के कारन – किसान ज्यादा खेती नहीं कर पाते- नतीजन मार्किट मैं ज्यादा सब्जियां भी नहीं होती – तो ये वक्त आपके लिए अच्छा सभीत हो सकता है , सब्जियों से पैसा कमाने के लिए । तो इसी लिए हमने ये आर्टिकल लिखा है ,की कैसे आप निचे दिए गए सब्जिओं को गर्मियों में लगाकर आप इस साल की गर्मियों मैं अच्छी खासी कमाई कर सकते है । (garmiyon main sabse jyada mang wali sabjiya) पालक Palak: मार्च अप्रैल में गर्मी बढ़ जाती है, इसलिए पालक की मांग काफी बढ़ जाती है। अधिकांश किसानों के पास सिंचाई की उत्तम व्यवस्था नहीं होती इसलिए ज्यादातर किसान पालक की खेती नहीं करते। इससे जो पालक की खेती करते है उन्हें काफी अच्छा दाम मिल जाता है। धनिया Dhaniya: मार्च अप्रैल में आप धनिया की खेती कर सकते है। क्योंकि इस मौसम में धनिया की आवक कम हो जाती है जिससे आपको इसकी ज्यादा कीमत मिल सकती सकती। धनिया की खेती में आप इसकी हरी पत्ती को तो बेच इस सकते है, इसके साथ ही फल लग जाने पर इससे से भी अच्छी कमाई कर सकते है। बैंगन Baingan: मार्च अप्रैल में शादियों का सीजन शुरू हो जाता है और जून तक चलता है। इसलिए बहुत अधिक मात्रा में सब्जी की खपत होती है। आप जानते ही होंगे कि शादी जैसे कार्यक्रमों में बैंगन की सब्जी जरूर बनाते है। इसलिए अगर आप मार्च अप्रैल में बैंगन की खेती करते है तब आपको काफी अच्छी कमाई दे सकता है। पत्ता गोभी PattaGobi: मार्च अप्रैल में पत्ता गोभी की खेती कर सकते है। गर्मियों में ज्यादातर लोग हरे पत्तेदार सब्जियां खाना पसंद करते है। ऐसे में पत्ता गोभी से अच्छी कमाई कर सकते है। गर्मियों में इसकी आवक कम होने से आपको मार्किट में काफी अच्छे दाम मिलेंगे। फूल गोभी Gobi: वैसे तो फूल गोभी सभी मौसम में लगा सकते है लेकिन मार्च अप्रैल में इसकी खेती करने से ज्यादा कमाई दे सकता है। गर्मियों में इसकी पैदावार काफी कम होती है जिससे इसके दाम काफी बढ़े होते है। ऐसे स्थिति में मार्च अप्रैल के महीने में फूल गोभी की खेती काफी अच्छा विकल्प हो सकता है। कद्दू Kaddu: वैसे तो जुलाई अगस्त में आने वाले कद्दू काफी कम दाम में बिकते है, लेकिन गर्मी के मौसम में कद्दू आपको मोटी कमाई दे सकता है। इस मौसम में इसकी पैदावार भी काफी कम होती है, इसलिए इसके दाम काफी ज्यादा मिलते है। इसके साथ इसे लगाने के लिए ज्यादा बड़ी जमीन की जरुरत भी नहीं पड़ती है। भिंण्डी Bhindi: मार्च अप्रैल में भिंण्डी की खेती करना भी काफी सही रहेगा। गर्मियों में इसकी आवक कम होने से दाम काफी बढ़ जाते है। अगर अच्छे और हाईब्रीड बीज को लगाया जाय तब इसके अच्छी पैदावार मिल सकते है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना भी जरुरी है कि भिंडी की खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था काफी अच्छी होनी चाहिए। टमाटर Tomato: मार्च अप्रैल में टमाटर की खेती करना सबसे बेहतर विकल्प है। टमाटर का उपयोग सब्जी में करते ही है, इसके साथ सलाद में भी इस्तेमाल किया जाता है। गर्मियों में टमाटर के दाम काफी बढ़ जाते है। अगर देशी किस्म के अच्छे टमाटर लगाते है तब ये आपको काफी अच्छी कमाई दे सकता है। खीरा Khira: स्वास्थ्य की दृष्टि से कहते है “खीरा है हीरा” सलाद में सबसे ज्यादा उपयोग खीरे का होता है। गर्मियों में खीरे का भाव आसमान में रहते है। ऐसे में मार्च अप्रैल में खीरे की खेती किया जाय तब काफी अच्छी कमाई किया जा सकता है। खीरे की खेती करने के लिए देशी किस्म का चुनाव करना काफी बेहतर होगा। लौकी Louki: लौकी कम पानी की फसल है, इसलिए मार्च अप्रैल के महीने में इसकी खेती करना काफी बेहतर होगा। लौकी को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है इसलिए गर्मियों में इसे ज्यादा पसंद किया जाता है। लौकी की खेती करने के लिए ज्यादा बड़ी जमीन की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। ये भी पढ़े – Dairy_8 सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय Published: 30-1-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/01/27/colored-corn-रंगीन-मक्के-की-खेती/ Home https://www.vikrammarket.com/खेती-की-जानकारी/
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PIMPALGAON_टोमेटो 100 रूपये तक गिरा
PIMPALGAON_टोमेटो 100 रूपये तक गिरा Tomato Rate: ऑक्टोबर मैं पिंपलगाव मार्किट मैं टोमेटो को 400 से 500 रूपये प्रति क्रेट दाम मिल रहा था , किन्तु नवंबर महीने की शुरवात से ही ये दाम गिरकर 100 रूपये प्रति क्रेट तक आ गए है ।इस बीच जिले के गिरनाए, पिंपलनारे फाटा, खोरी फाटा जैसे व्यापारिक केंद्रों पर 20 से 70 रुपये प्रति क्रेट की गिरावट से किसानों को अपना माल बेचना पढ़ रहा है , जिससे उनका खर्चा भी नहीं कल पा रहा ! ( टोमेटो भाव ) सितंबर और अक्टूबर के महीनों में, पिंपलगांव बसवंत बाजार समिति ने बड़ी मात्रा में टोमेटो की आवक देखि गयी थी , और दाम भी अच्छे थे । सितंबर के महीने में दूसरे राज्यों के बाजार में मांग के चलते अवाक् बढ़ने से कीमतों में फिर भी स्थिरता बनी रही। लेकिन ज्यादा दिन नहीं ।उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक राज्यों में दीवाली से पहले की मांग राज्यों में स्थानीय टोमेटो की आवक बानी हुयी थी। इस वजह से नासिक क्षेत्र से मांग में कमी आई है और आपूर्ति में कमी आई है। व्यापारियों का कहना है कि इससे कीमतों पर असर पड़ा है। सेकेंडरी टोमेटो 20 रुपये प्रति क्रेट के हिसाब से बिक रहा है, जबकि गुणवत्ता वाला टोमेटो 50 रुपये से 80 रुपये के बीच बिक रहा है। इसलिए टमाटर को काट कर बाजार तक ले जाने का खर्च भी नहीं वसूला जा रहा है. इससे किसान ज्यादा तर अपना माल मार्किट मैं नहीं ला रही , माल कम होने से मार्किट मैं आवक घाट गयी है। नतीजन व्यापारी अन्य मार्किट की और मूड रहे है , जिसके चलते टोमेटो के दाम और गिर सकते है । किन्तु इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हो रह है । इसके दामों मैं कब बढ़ोत्तरी होगी इसका कोई अनुमान नहीं । पिंपलगाव मार्किट भाव | PIMPALGAON Market Rate दिनाक:-13/11/2022 | पिंपलगाव टोमेटो के भाव टोमेटो आवक कम से कम ज्यादा से ज्यादा सरासरी टोमेटो 19444 केरेट 41 185 91 सभी मार्किट भाव नाशिक मार्किट के भाव देखे -: मुझे क्लीक करो Referring to – PimpalgonMarket. [recent_post_slider design=”design-1″] Pimpalgaon mandi bhav Today List (Nashik) | नासिक मंडी भाव PIMPALGAON BASAWANT Mandi Bhav पीपलगांव मंडी भाव | PIMPALGAON Mandi Bhav पिंपलगाव मार्किट भाव पिंपलगाव टोमेटो के भाव pimpalgon tomato pimpalgaon tomato market rate today टोमेटो भाव कृषी उत्पन्न बाजार समिती, पिंपळगांव बसवंत Pimpalgaon Baswant Onion Market Onion market price in Pimpalgaon today pimpalgaon onion market Market-Prices of Maharashtra-Nashik-Pimpalgaon Tomato in Nashik, टमाटर, नासिक
TomatoBhav_टमाटर के दाम क्यों गिरे?
TomatoBhav_टमाटर के दाम क्यों गिरे? Tomato Rate: पिछले कुछ सालों में आई तेजी के चलते इस साल नासिक में टमाटर उत्पादकों में खासा उत्साह देखने को मिला। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन जारी है, पारंपरिक अंगूर उत्पादकों ने भी बागों को काटकर टमाटर की ओर रुख किया है। इसलिए टमाटर की खेती में निश्चित रूप से वृद्धि हुई। इस साल की भारी बारिश ने चित्रा नक्षत्र में बारिश की वापसी के साथ उत्साह को भी कम कर दिया। इस दौरान किसानों ने फसल बचाने के लिए पूरा प्रयास किया । इस साल दवा, खाद और श्रम की लागत डेढ़ से दो गुना बढ़ गई। इस स्थिति से बचे टमाटर उत्पादकों को भी राहत मिल रही थी क्योंकि उन्हें प्रति कैरेट 500 से 800 रुपये मिल रहे थे।पिछले पांच दिनों से इस उछाल पर भी रोख लग गया है। टमाटर के दाम अधिकतम 800 रुपये से घटकर 400 रुपये प्रति कैरेट पर आ गए हैं। किसान इस कीमत पर भी समाधानी है _ उनकी बस यही मन्शा है की इससे ज्यादा दाम ना गिरे – अगर इसी कीमत पर वे माल बेचेंगे तो कम से कम उनका खर्चा तो निकल ही आएगा। कीमतों में गिरावट के पीछे मुख्य कारण हाल ही में बैंगलोर सीजन की शुरुआत के साथ-साथ मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों से स्थानीय टमाटर का आगमन है। पिछले साल, महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में टमाटर उत्पादक बेल्ट में भारी बारिश हुई थी। इस वजह से बैंगलोर का सीजन पहले ही खत्म हो चुका था। इसलिए, पूरे देश से, विशेष रूप से नासिक क्षेत्र से, महाराष्ट्र से टमाटर की मांग थी। नतीजतन, टमाटर को अंत में अच्छी कीमत मिली। पर इस वक्त वे दाम गिर गए है | दूसरी और पिछले साल की सीख लेते हुए बेंगलुरू क्षेत्र के उत्पादकों ने देर से बुवाई की। बंगलदेश मैं टोमेटो की निर्यात घटी Bangladesh: कर्नाटक क्षेत्र की अधिकांश लाल मिट्टी में उगने वाले स्थानीय टमाटर का रंग एक समान होता है। इसलिए उसे तरजीह दी जा रही है। साथ ही इसकी दरें नासिक के मुकाबले कुछ कम हैं। इसलिए नासिक क्षेत्र के टमाटर खरीदारों ने अपना रुख बेंगलुरू की ओर मोड़ दिया है।बांग्लादेश भारतीय टमाटर का सबसे महत्वपूर्ण खरीदार देश बना हुआ है। दोनों देशों के बीच व्यापार भी पिछले चार-पांच साल से मुश्किल में है। इसके पीछे मुख्य कारण बांग्लादेश द्वारा लगाया गया 34 प्रतिशत आयात शुल्क है। नतीजतन, टमाटर का निर्यात धीमा हो गया है। गिरणारे, पिंपलगांव बसवंत बाजार से बांग्लादेश को होने वाले निर्यात में 70 फीसदी की कमी आई है।इसी स्थिति मैं टोमेटो भारत के अन्य राज्यों में जैसे की गुजरात, मध्य प्रदेश मैं बेचने का विकल्प अपनाया जा रहा है। नतीजन टोमेटो को उतना दाम नहीं मिल पा रहा । सभी मार्किट भाव Article By. – VikramMarket. 1 ) सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय 2022 2 ) 40 हजार रुपए Kg बिकने वाला “मसाला”
Tomato Prices_टमाटर 500 रूपये ?
टमाटर की कीमतों में गिरावट | Tomato Prices_टमाटर 500 रूपये ? टोमॅटो बाजार भाव :- जुलाई महीने की शुरवात से ही बारिश ने अपना रौद्र रूप देखना शुरू कर दिया है , नतीजन इससे सबसे ज्यादा खेती और सब्जी माल ज्यादा प्रभावित होगया है । टमाटर की भी मार्किट मैं आवक बढ़नी शुरू हो गई है । डिमांड और सफ्लाय मार्किट का नियम है – जो की अवाक् बढ़ गयी है तो , ( Tomato ) टमाटर के दाम भी धीरे धीरे कम होने लगे है । पर गौर करने की बात ये है की ‘ मार्किट मैं आने वाला माल बारिश से काफी ख़राब हो चुका है ! तो सम्भवना है की जैसे ही मार्किट मैं अच्छा माल आएगा – उससे अच्छा दाम मिल सकता है । मुंबई मार्किट का असर Mumbai market :- राज्य भर में जारी मूसलाधार बारिश ने सब्जी व्यापार पर बढ़ा असर किया है। हरी बीन्स, अमरूद और टमाटर सहित अन्य सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है क्योंकि बाजार समिति से कम आय और ग्रहाक ने खरीद से मुंह मोड़ लिया है। बारिश के कारण 10 से 15 फीसदी सब्जियां खराब होने के कारण फेंकनी पड़ती हैं। बारिश ने विक्रेताओं को सड़क पर अपना कारोबार बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है। नतीजतन, वे सब्जियां खरीदने के लिए बाजार नहीं आए, जिसके परिणामस्वरूप बाजार की कीमतें कम हो गईं। ( Farmer ) महाराष्ट्र भर से ज्यादा तर टमाटर मुंबई को भेजा जाता है , और मुंबई मार्किट का दर और परिस्तिया टमाटर मार्किट मैं काफी हदतक असर करती है । ये भी पढ़िए – @tomato टोमॅटो के दाम मैं गिरावट – नाशिक के कल के टोमेटो के भाव – Tomato Bajar Bhav Today दिनांक दिन सब्जी कम से कम भाव ज्यादा से ज्यादा भाव सरासरी भाव 7-7-22 नाशिक टोमॅटो 150 425 350 7-7-22 ओझर टोमॅटो 100 450 325 7-7-22 चांदवड टोमॅटो 225 500 350 Article By.- VikramMarket. https://www.vikrammarket.com/2022/07/04/टोमेटो-के-दाम-गिरावट/
@tomato टोमॅटो के दाम मैं गिरावट
@Tomato टोमॅटो के दाम मैं गिरावट | Tomato Price Tomato Bhav -: पिछले कुछ दिनों से टोमेटो के भाव मैं काफी गिरवाट देखि गयी है । मतलब के टोमेटो के 2 /3 दिन पहले भाव 1000 रूपये से 800 रूपये के बिच थे , वो अचानक 400 रूपये से 500 रूपये के बिच आगये है । और ये किसानों के लिए काफी चिंताजनक बाब है , क्यों की अभी तक तो पुरे ढंग से सभी किसानों के टमाटर खेत मैं तैयार भी नहीं हुए की उससे पहले मार्किट गिर गया । हलाकि मार्किट 500 रूपये तक भी रहा तो भी किसानों को अच्छा खासा मुनाफा मिल जाता है । किन्तु आशंका है की मार्किट और भी कम हो सकता है , कुछ दिनों के लिए । नाशिक मार्किट के पिछले कुछ दिनों के टोमेटो भाव – Tomato Price Today @nashikmarket दिनांक दिन सब्जी कम से कम भाव ज्यादा से ज्यादा भाव सरासरी भाव 29 – 6 -22 बुधवार टोमॅटो 250 900 700 1 – 7 – 22 शुक्रवार टोमॅटो 150 700 600 2 – 7- 22 शनिवार टोमॅटो 150 575 450 3 – 7 – 22 रविवार टोमॅटो 100 425 275 टोमेटो के भाव क्यों कम हुए ? Tomato ke daam Tomato Price-: पिछले 20 दिनों से टोमेटो के भाव 1000 रूपये से 700 रूपये के बिच झूल रहे थे , जो की किसानों के लिए काफी अच्छी बात थी । और इसका पहले से ही हमे अनुमान हो गया था , की ये दाम और कुछ दिन थिर रहेंगे ” किन्तु ” पिछले 3 दिनों से ये भाव कम होते जा रहे है । इसके पीछे की वजह जानने की हमे कोशिश की तब हमे पता चला की महाराष्ट्र मैं बारिश के मौसम ने अपनी पकड़ मजबूत करली है – और वो अपना शिकंजा कसता है जा रहहि है । इसका असर हमे खेत मैं पक रहे टमाटर पर दिखने लगा है। अधिक बारिश की वजह से टोमेटो ख़राब होने लगे है, इसी के साथ रोगराई और बीमारिया भी बढ़ गयी है – जो फसल को नुकसान पोहचा रही है । और वही माल हाल फिलहाल मार्किट मैं लाया जा रहा है , यकायक मार्किट मैं खराब टोमेटो आने के चलते , उनके दाम गिरने शुरू हो गए । जिसका परिणाम हम पिछले 3 दिनों से देख रहे है । इसमें एक बात ये भी है की अभी जो टमाटर( Tomato ) मार्किट मैं आ रहे है वो किसानों के पहले प्लॉट के थे , जिनकी कॉलिटी और आकार समय के साथ कम होते जा रहे है । ये भी एक वजह है । टोमेटो के भाव कब बढ़ेंगे ? -When will tomato prices increase? Nashik Market Tomato -: हमारे अनुमान से और हालिया मार्किट की स्थिति देखकर तो यही कहा जा सकता है की – आने वाले कुछ दिनों तक- तो 500 रूपये तक मार्किट बना रहेगा । इससे कम भी हो सकता है , पर इससे आगे बढ़ने की संभावना कम है ! _ है पर जैसे ही मार्किट मैं अच्छे कॉलिटी का माल आएगा ; मार्किट बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी । इस साल टोमेटो की मांग शायद ही कम हो ! क्योंकि पूरी दुनिया मैं फ़ूड क्राइसेस (food crises) \ याने की खाने लायक सभी चीज़ों की कमी है । तो सम्भावना इस साल टमाटर आपको अच्छी कमाई करके दे । नाशिक मार्किट के भाव देखे -: मुझे क्लीक करो Major Tomato Producing Countries In The World | विश्व में प्रमुख टमाटर उत्पादक देश Rank Countries देश 1 China चीन 2 India भारत 3 U S A अमेरिका 4 Turkey तुर्की 5 Egypt ईजिप्त 6 Italy इटली 7 iran ईरान 8 spain स्पेन 9 mexico मेक्सिको 10 brazil ब्राज़ील Article By.- VikramMarket https://www.vikrammarket.com/2022/07/02/onion_प्याज-की-बढ़ी-मांग_क्या-भा/
टोमेटो खेती TomatoFarming
Tomato Farming भारत में टमाटर की खेती व्यापक रूप से की जाती है। कई किसान टमाटर की खेती कर भारी मुनाफा कमाते हैं। भारत टमाटर का निर्यात करता है। इसलिए भारतीय बाजार में इस सब्जी की मांग हर मौसम में ज्यादा रहती है। यह एक ऐसी फसल है जिससे किसान को ज्यादा नुकसान नही उठाना पड़ता। टोमेटो की खेती क्यों करनी चाइये टमाटर एक बारहमासी मांग वाली और अधिक उपज देने वाली फसल है। टमाटर का घरेलू और होटल व्यवसाय में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। टमाटर में कई औषधीय गुण होते हैं। इसलिए इसकी काफी डिमांड है। टमाटर से कई प्रोसेस्ड फूड बनाए जाते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए टमाटर की खेती से होने वाले फायदों का अंदाजा लगाया जा सकता है। टोमेटो लगाते समय देने वाली बाते टमाटर को पूरे वर्ष उगाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि सर्दियों के ठंढ फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। टमाटर की खेती के लिए मानक तापमान की आवश्यकता होती है, टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (मुलायम मिट्टी) की आवश्यकता होती है। यदि आप टमाटर लगाने जा रहे हैं और आप अधिक उपज चाहते हैं, तो आपको दो पौधों के बीच की दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा। टमाटर की बुवाई करते समय मृदा परीक्षण के अनुसार उर्वरकों एवं उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। अच्छी उपज के लिए खेत की तैयारी करते समय 25 से 30 टन गोबर खत या वर्मीकम्पोस्ट ( गांडूळ खत ) का प्रयोग करें। मिट्टी Tomato:- टमाटर को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसके लिए रेतीली मिट्टी, लाल और काली मिट्टी लगाई जा सकती है। बस एक बात याद रखें, आपके खेत में चाहे कितनी भी मिट्टी क्यों न हो, उसमें जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। टमाटर के लिए आवश्यक जलवायु को ध्यान में रखते हुए, जलवायु शुष्क, स्वच्छ और कम आर्द्रता और अच्छे तापमान के साथ फसल अच्छी होती है। हालांकि, कम आर्द्रता, उच्च तापमान और शुष्क हवाएं टमाटर की फसल को अंकुरित कर सकती हैं। उचित तापमान और उर्वरकों के उचित उपयोग से टमाटर के फल की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है , इसीलिए टमाटर को एक सामान लगाना चाइये। ये भी पढ़े – Aeroponic Farming : हवा में भी आलू उगा पाएंगे किसान भारत से टोमेटो की निर्यात किन देशों को होती है ? भारत से टमाटर मुख्य रूप से पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश, सऊदी अरब, ओमान, नेपाल, मालदीव, बहरीन मलावी और भी अन्य देशों को टमाटर की निर्यात किए जाते हैं। प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य बिहार महाराष्ट्र कर्नाटक उत्तर प्रदेश ओडिशा आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश पश्चिम बंगाल पंजाब अमृतसर रोपड़ जालंधर टोमेटो के भाव देखे – मुझे क्लिक करो Article By.- VikramMarket. Tomato Bhav Today | Aaj ka tamatar ka rate | टमाटर मंडी भाव टमाटर भाव |Tomato Market Rate Tomato Farming (टमाटर की खेती)
टमाटर की खेती | Tamato
टमाटर की खेती टमाटर महाराष्ट्र में किसानों की प्रमुख फल फसल है। नासिक, पुणे, अहमदनगर, नागपुर, सांगली महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण टमाटर उत्पादक जिले हैं। टमाटर विटामिन ए, बी, और सी से भरपूर होते हैं, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, आदि पोषक तत्व भी टमाटर में उपलब्ध हैं। इससे टमाटर का औद्योगिक महत्व बढ़ गया है। लाल खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक होने के कारण पौष्टिक भी है क्योंकि इसमें साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड होता है जो एंटासिड का काम करता है। मौसम टमाटर महाराष्ट्र में उगाई जाने वाली एक बारहमासी फसल है, हालांकि यह एक गर्म फसल है। अत्यधिक ठंड के कारण टमाटर के पौधे की वृद्धि बाधित होती है। टमाटर की फसल साफ, शुष्क होती है, इसमें कम आर्द्रता और अच्छी गर्म जलवायु होती है। फसल 18 से 30 C पर पनपती है। उच्च तापमान, कम आर्द्रता और शुष्क हवाओं के साथ, फसल खिलती है। गर्म तापमान और सूरज की रोशनी के साथ टमाटर के फलों की गुणवत्ता अच्छी है। 10 से कम C फसल के विकास को रोकता है। बीज का अंकुरण 16 16 C से 29 C तक अच्छा होता है। 21 डिग्री से 24 डिग्री सेल्सियस फसल की वृद्धि के लिए अनुकूल है। फूल और फल सेट 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तक अच्छे होते हैं। 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर फलन नहीं होता है।खरीफ – जून, जुलाई में बोना।रब्बी – सितंबर, अक्टूबर के महीने में बोना। ग्रीष्म ऋतु – दिसंबर, जनवरी। बीज दर – टमाटर की फसल को प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। भूमि मध्यम और भारी मिट्टी टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त हैं। लेकिन ऐसी मिट्टी को जैविक खाद की आपूर्ति की बहुत आवश्यकता होती है ताकि फसल अच्छी तरह से विकसित हो सके। फसल की सिंचाई बार-बार करनी चाहिए। हल्की मिट्टी में फसल जल्दी निकल जाती है लेकिन भारी मिट्टी में भुरकाव देर से शुरू होता है। लेकिन पैदावार अधिक होती है। बरसात वाले टमाटर को गहरे मिट्टी में डालने से बचना चाहिए और गर्मियों में टमाटर को हल्की मिट्टी में नहीं लगाना चाहिए।क्षारीय मिट्टी में पानी की निकासी न होने के कारण ऐसी मिट्टी में फसल अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाती है। फसल से पूर्व के मौसम में बैंगन, मिर्च की कटाई नहीं की जानी चाहिए। रोग करपा = यह रोग पौधे की वृद्धि के किसी भी स्तर पर हो सकता है। इस बीमारी में पत्तियों और डंठल पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। फल खाने वाला लार्वा ( अळी ) = यह लार्वा पत्तियों को खाता है। हरे या पके फल को खाकर उनके अंदर प्रवेश करते हैं। नागअळी = ये लार्वा पत्ती की पंखुड़ियों में जाते हैं और हरे भाग को खाते हैं।
कृषि रिपोर्ट- प्याज & टोमेटो भाव गिरते हुए
कृषि रिपोर्ट- प्याज & टोमेटो के भाव गिरते हुए प्याज के भाव पर दबाव Onion Rate: भारत के मार्किट मैं प्याज की कीमतों पर अभी भी दबाव बना हुआ है, प्याज की कीमत महाराष्ट्र ( Onion Rate In Maharashtra) के मंडियों मैं कल 1600 से 2000 रुपये के बीच रही। पिछले कई दिनों से बाजार में प्याज की आवक बढ़ी नहीं है। फिर भी प्याज के भाव पर दबाव बना हुवा है , इस पर प्याज के कारोबारी कह रहे हैं कि सरकार के फैसले से बाजार दबाव में है। लेकिन भविष्य में प्याज की आवक और कम हो जायेगी, इससे उम्मीद है की प्याज के भाव को सहारा मिल सकता है और कुछ हद तक तो प्याज के भाव बढ़ने की सम्भावना है , ऐसा व्यापारियों का कहना है। टोमेटो के भाव गिरते हुए Tomato Rate Maharashtra: पिछले महीने जो टोमेटो भाव बढ़ने के कारन चर्चा मैं था , वो ही टोमेटो इस महीने मैं भाव गिरने से कोई देख भी नहीं रहा । जो सरकार टोमेटो के भाव बढ़ने पर जल्द से जल्द बढ़ते दामों को रोखने के लिए कदम उठा रही थी वही सरकार गिरते धामों को देख कर हाथ पर हाथ धरे बैठे है । टोमेटो के भाव जरुरत से ज्यादा ही गिर गए है , इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। (Tomato Price Today) टमाटर के दाम अब एक रुपये किलो से भी कम मिल रहे हैं। व्यापारी कह रहे हैं कि बाजार में अवाक् बढ़ने और कम मांग के कारण कीमतें कम हो गई हैं। टमाटर का इस समय औसतन दाम 100 रुपये प्रति कर्रेंट ( 20 कग कर्रेंट) मिल रहा है, तो उत्पादन लागत 1200 रुपये प्रति क्विंटल आती है। व्यापारियों कहना हैं कि अगले कुछ दिनों में टमाटर की कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है। हरी मिर्च के दाम स्थिर Hari mirch Rate: पिछले कुछ दिनों से हरी मिर्च के दाम स्थिर हैं। बाजार में पहुंच औसत से नीचे है। लेकिन हरी मिर्च की पसंद अच्छी है। इसलिए हरी मिर्च का औसतन दाम 2,500 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। अनुमान है कि बाजार में हरी मिर्च की आमद आगे भी सीमित रहेगी, ऐसे में व्यपारियों का कहना है की हरी मिर्च के दाम अगले कुछ दिनों तक स्थिर रह सकते है ! हल्दी के भाव मैं चढ़ उतार Haldi Ke Bhav: चालू सीजन में निर्यात बढ़ने और कम आपूर्ति से हल्दी की कीमत में तेजी आई है। लेकिन पिछले महीने निर्यात की मांग घट गई, इससे हल्दी की कीमत में तेजी कुछ कम हुई। हल्दी का वायदा अब 19 हजार तक पहुंच गया था। लेकिन अब यह 14 हजार के बीच आ गया है, बाजार समितियों में भी कीमतें 12 हजार से 14 हजार के बीच हैं। Published: 15-9-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/02/18/3-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%80/ Home पशुपालन Trend
TomatoRate: नाशिक मैं टोमॅटो भाव 1000 रूपये
Tomato Rate: नाशिक मैं टोमॅटो भाव 1000 रूपये Tomato Rate: बारिश के मौसम के साथ अब टोमेटो का सीजन भी शुरू हो गया है , शुरवात मैं हर साल की तरह इस साल भी टोमेटो की आवक कम ही है । नतीजन मार्किट मैं टोमेटो को अच्छा खासा भाव मिल रहा है । ज्यादा तर किसानों ने इस साल टोमेटो की खेती कुछ समय के बाद की गयी , इस के वजह से मार्किट मैं टोमेटो जून मैं के मध्य जो आवक होनी चाइए वो है ही नहीं । मार्किट मैं आवक कम क्यों है ? इस साल बारिश तय समय से देर से आने की वजह से किसान टोमेटो को सही समय पर लगा ही नहीं पाए , और पिछले साल की कम बारिश के चलते नाशिक जिल्हे के बोहत से किसानों के पास पानी की कमी थी । इस वजह से जो टोमेटो की खेती मैं महीने के आखिर मैं की जाती थी , वो बारिश की इंतजार मैं जून मैं की गयी । इस वजह से मार्किट मैं टोमेटो बोहत ही कम संख्या मैं आ रहा है । टोमेटो को 1000 रूपये का भाव Nashik Tomato Rate: प्याज के बाद सबसे ज्यादा टोमेटो की खेती नाशिक मैं ही होती है । पहले कुछ ही लोग टोमेटो की खेती किया करते थे , लेकिन पिछले 3 -4 सालों से लगभग सभी किसान थोड़ी ही सही , पर टोमेटो की खेती करते ही है । इस की वजह है टोमेटो का 2 महीने का खेल होता है , याने के अगर सब सही रहा तो – किसान कम समय मैं अच्छा खासा पैसा कमा सकता है । इस साल भी बोहत से किसानों ने इसी उम्मीद मैं टोमेटो को लगाया है किन्तु 15 – 20 दिन के समय अंतराल के बाद । इस वजह से मार्किट मैं कुछ ही गिने चुने जगहों से टोमेटो मार्किट मैं आरहा है , इस वजह से पिछले 2 हफ़्तों से टोमेटो कम से कम – 200 रूपये क्रैट्स , ज्यादा से ज्यादा – 1000 रूपये क्रैट्स , और न्यून्तम – 600 रूपये क्रैट्स के बिच है । क्या ये भाव आगे भी बना रहेगा ? Tomato in Nashik, टमाटर, नासिक: हर साल की तरह इस साल भी टोमेटो की खेती बढे पैमाने पर की जा रही , और ये टोमेटो तैयार होकर जुलाई के माह आखिर मैं मार्किट मैं पोहच जायेंगे। तब शायद से आवक ज्यादा बढ़ने से टोमेटो के भाव कम हो सकते है , अगर बाकि देशों के बोर्डेर टोमेटो निर्यात के लिए खुल जाते है तो शायद से टोमेटो के भाव 600 रूपये से 800 रूपये के बिच रह सकते है । अगर बाहरी निर्यात नहीं होगी तो हो सकता है की हर साल की तरह इस साल भी आखिर मैं जाकर टोमेटो 150 रूपये से 200 रूपये के बिच ही रहे । Published: 30-6-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/02/06/%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%a7-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-2/ https://www.vikrammarket.com/2023/01/18/%e0%a4%a1%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%be/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/18/3-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%80/ Home पशुपालन Trend
१० सब्जिया जिनकी मांग हमेशा बनी रहती है
१० सब्जिया जिनकी मांग हमेशा बनी रहती है Vegetbale farming In India: भारत में खेती एक अहम गतिविधि है जो अपने आहार के लिए सब्जियों की मांग को पूरा करती है। यहां पर एक से बढ़कर एक ऐसी सब्जियां हैं जिनकी मांग हमेशा बनी रहती है। इन सब्जियों का सेवन स्वस्थ और तंदुरुस्त जीवन के लिए आवश्यक होता है। इस लेख में हम आपको दस ऐसी सब्जियों के बारे में बताएंगे जो भारत में हमेशा बनी रहती हैं। १. आलू Potato – आलू भारत में सबसे ज्यादा खेती की जाने वाली सब्जियों में से एक है। यह सब्जी प्रायः सभी भारतीय घरों में उपलब्ध होती है। आलू के बड़े होने के कारण इसे कई तरीकों से पकाया जा सकता है जैसे फ्राइड, बेक, बॉइल और भी बहुत सारे तरीके हैं। २. प्याज Onion – प्याज भी भारत में एक बहुत ज्यादा उत्पादित सब्जी है और इसका सेवन भारतीय खाने में अहम भूमिका निभाता है। प्याज को तलकर, फ्राइड या सलाद में उपयोग किया जाता है। ३. टमाटर Tomato – टमाटर भारत में बड़ी मात्रा में उत्पादित होते हैं। यह सब्योरा खाने में आसानी से परिणामी होता है और इसे फ्रेश फल या सब्जी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। ४. गोभी Cauliflower – गोभी एक औषधीय वनस्पति होती है जो भारत में बहुत अधिक मात्रा में उत्पादित होती है। यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। गोभी को फ्राइड या स्टीम करके परोसा जाता है। ५. गाजर Carrot – गाजर भारत में बहुत ज्यादा उत्पादित होती है और यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो विटामिन ए, बी6, सी और कैल्शियम से भरपूर होती है। इसे रोस्ट, फ्राइड या स्टीम करके परोसा जाता है। ६. बैंगन Aubergine – बैंगन भारत में अपनी स्वादिष्ट खाने की खूबसूरत रंगत के लिए पसंद की जाती है। यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो विटामिन सी और फोलेट से भरपूर होती है। बैंगन को फ्राइड, रोस्ट, या कच्चे रूप में भी परोसा जाता है। ७. टिंडा Tinda – टिंडा एक संग्रहीत सब्जी होती है जो भारत में बहुत ज्यादा उत्पादित होती है। यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो विटामिन सी, ए, और बी के साथ-साथ पोटैशियम, कैल्शियम, फोस्फोरस, और मैग्नीशियम से भरपूर होती है। टिंडा को सांस्कृतिक रूप से अनेक तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे कि भरवां टिंडा, टिंडा की सब्जी और टिंडा की सब्जी की दाल। ८. शलगम Turnip – शलगम भारत में बहुत अधिक मात्रा में उत्पादित होती है और यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो फाइबर, विटामिन सी, और पोटैशियम से भरपूर होती है। शलगम को सलाद, स्टीम, रोस्ट या भुनकर भी बनाया जा सकता है। ९. मटर Pea – मटर भारत में बहुत अधिक मात्रा में उत्पादित होती है और यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। मटर को कच्चे रूप में, विभिन्न सब्जी में, पुलाव में या मटर पनीर या मटर आलू की सब्जी जैसी डिशों में भी परोसा जाता है। १०. भिंडी Okra – भिंडी भारत में एक लोकप्रिय सब्जी है। यह एक स्वस्थ सब्जी होती है जो विटामिन सी, ए, बी6 और पोटैशियम से भरपूर होती है। भिंडी को तला, स्टीम किया जा सकता है और इसे भुना हुआ या सूखा भुना हुआ भी खाया जा सकता है। भिंडी की सब्जी और भिंडी मसाला भी बहुत लोकप्रिय होती है। इन सब्जियों के अलावा भी भारत में कई अन्य सब्जियां होती हैं, जो स्वस्थ खाने के लिए उपयोगी होती हैं। इनमें से कुछ और प्रसिद्ध सब्जियां हैं जैसे आलू, प्याज, टमाटर, मूली, गाजर, बैंगन आदि। इन सब्जियों को अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है जो उनकी स्वादिष्टता और पोषक गुणों को संभालता है। समापन रूप से, भारत में सब्जियों की अनेक विधियों से तैयार की जाने वाली डिशें उपलब्ध हैं। इन सब्जियों में अनेक पोषक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। अगर आप एक स्वस्थ और पोषणशाली भोजन खाना चाहते हैं, तो भारतीय सब्जियां एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं। इसलिए, भारतीय सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने का प्रयास करें ताकि आप अपने शरीर को उनके पोषक तत्वों से भरपूर कर सकें। यदि आप व्यंजनों को नए तरीकों से बनाना चाहते हैं, तो इन सब्जियों को विभिन्न मसालों और तरकारियों के साथ तैयार किया जा सकता है। जब आप इन सब्जियों को अलग-अलग तरीकों से तैयार करते हैं, तो उनकी स्वादिष्टता में और भी विस्तार होता है। Indian Vegetable: भारतीय सब्जियों की चयन में भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। स्थानीय बाजारों से खरीदारी करना सबसे अच्छा विकल्प होता है क्योंकि वहां आप स्थानीय उत्पादों को खरीद सकते हैं जो कि आपके शहर के मौसम के अनुकूल होते हैं। आपको स्थानीय बाजार में सब्जियों की गुणवत्ता को भी जांचना चाहिए ताकि आप अपने भोजन में स्वस्थ और पोषणशाली खाद्य पदार्थ शामिल कर सकें। इन सब्जियों के अलावा भी भारत में कई प्रकार के फल, अन्न, दाल आदि उपलब्ध हैं जो आपके भो जन में पोषण लाते हैं। इन सभी खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने से आपको अपने शरीर के लिए सभी पोषक तत्व मिल जाएंगे। संक्षिप्त में, भारत में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उपलब्ध होती हैं जो अपनी स्वादिष्टता के साथ-साथ अपने पोषक गुणों के लिए भी जानी जाती हैं। इन सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने से आप अपने शरीर को विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर कर सकते हैं जो आपकी सेहत और फिटनेस के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। इसलिए, आपको भारतीय सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए और इन्हें विभिन्न तरीकों से तैयार करके अपने भोजन का मजा लेना चाहिए। Published: 13-5-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/02/18/3-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%80/ 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कृषि रिपोर्ट- कपास, टमाटर, प्याज
कृषि रिपोर्ट- कपास, टमाटर, प्याज: कपास की कीमत स्थिर बनी हुई है। देश के बाजार में कपास की औसत संख्या 1 लाख 80 हजार गांठ के बीच है। कपास की कीमत कम होने के बावजूद उद्योगों को आवश्यकतानुसार कपास मिल रही है। कपास बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए कपास बाजार पर दबाव है। फिलहाल कपास की औसत कीमत 6,600 से 7,200 रुपये मिल रही है. कॉटन बाजार के विश्लेषकों का कहना है कि जब तक बाजार में कॉटन की आवक ज्यादा रहेगी, कीमतों पर दबाव बना रहेगा और आवक कम होने पर बाजार में सुधार देखने को मिलेगा। टमाटर के दाम स्थिर TomatoRate: पिछले कुछ दिनों से टमाटर के दाम स्थिर हैं। कुछ बाजारों में तो इसमें 100 रुपये प्रति क्विंटल तक का सुधार हुआ। फिलहाल टमाटर को औसतन 1,500 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है। बाजार में टमाटर की आवक कुछ और दिनों तक इन्हीं स्तरों के बीच रहने की उम्मीद है। अनुमान है कि भविष्य में बाजार में टमाटर की आवक कम हो जायेगी। लेकिन टमाटर की मांग अच्छी रहने की संभावना है, इसे टमाटर बाजार से समर्थन मिल सकता है। प्याज का बाजार स्थिर OnionRate: प्याज का बाजार स्थिर नजर आ रहा है। पिछले महीने से प्याज बाजार सरकारी नीतियों के दबाव में है। अब कई मंडियों में प्याज की आवक धीरे-धीरे कम हो रही है। लेकिन लेट खरीपा माल भी इसी माह से शुरू होने जा रहा है। इसका असर प्याज बाजार पर देखने को मिल सकता है। लेकिन फिलहाल प्याज की न्यूनतम कीमत भी कुछ बढ़ी हुई नजर आ रही है। फिलहाल प्याज की औसत कीमत 1 हजार 300 से 1 हजार 700 रुपये के बीच है। लेकिन बाजार में कमाई अब भी ज्यादा है. प्याज बाजार पर यह दबाव अगले कुछ हफ्तों तक देखने को मिल सकता है। सोयाबीन बाजार दबाव SoybeanRate: देश का सोयाबीन बाजार दबाव में है, सोयाबीन का भाव स्तर आज 4 हजार 500 से 4 हजार 700 रुपये के बीच रहा। जबकि बाजार में औसत आवक 1 लाख 70 हजार क्विंटल के बीच रही। बाजार में आमद अच्छी होने से कीमतों में तेजी बनी हुई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत का असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। Published: 2-1-2024 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव Home Top 5 Dairy Business: 5 डेयरी बिजनेस Peru ki kheti: अमरूद की खेती कैसे करे