तुलसी इस पौधे से आप भलीभांति वाकिफ होंगे ! और इसके औषधिये गुणधर्मोनसे भी । क्या अपने कभी सोचा नहीं के , अगर इसके इतने फायदे है – तो इसकी मांग भी कितनी होगी । और हाल फ़िलहाल इसकी खेती गिने चुने लोग ही करते है । जरा सोचिये _ अगर आप ने इसकी खेती की तो आप कितना कमा सकते है ? — बोहत जयदा । ………. बशर्ते आपको इसकी सही और पूरी जानकारी होनी चाइये । इसी लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए – तुलसी की खेती कैसे करे ? _Tulsi Farming_ tulsi ki kheti तुलसी एक औषधि पौधा ये तो आप जानते ही है, और यह बहुत ही फायदेमंद होता है। वैसे यह एक ऐसा पौधा है, जिसके सभी भाग को किसी न किसी रूप में उपयोग में लाया जाता है – ( तना, फूल, पत्ती, जड़, बीज ) |वैसे तुलसी भारत मैं कई नामों से जनि जाती है जैसे की – ग्राम्या, पुरसा, बहुमंजरी सुलभा, तथा होली बेसिल के नाम से जनि जाती है । इसकी खेती करके लाखों करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं। तुलसी की फसल किसी भी प्रकार से खराब नहीं होती है, बस उसकी थोड़ी देखभाल की आवश्यकता होती है। खेती करने में प्रजाति का ज्ञान रहने से इसकी कीमत अधिक मिल सकती है। विश्व बाजार में विभिन्न प्रजाति के तेल की कीमत 2000/- से 8000/- किलो हैं। तुलसी की ओसिमम बेसीलीकम प्रजाति को तेल उत्पादन के लिए उगाया जाता है।तुलसी की कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स के साथ ही दवाई बनाने वाली सभी कंपनियों को जरूरत होती है। तुलसी के फायदे – Tulsi Benefits भारत के घरों में आसानी से मिलने वाला तुलसी का पौधा साधारण से बुखार, कफ और गले में इन्फ़ैकशन में सहायक होता है तुलसी का पौधा रत मैं भी ऑक्सीजन देता है तुलसी हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक है यह केंसर में भी लाभकारी है. पौधे को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती तुलसी हमारे त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है आपको सर मैं दर्द है, तब आपके लिए तुलसी से बनी चाय बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है । लागवड तुलसी की खेती मुख्य रूप से जून – जुलाई के महा मैं की जाती है । तुलसी के पौधे बारिश के मौसम मैं बढे अच्छे से बढ़ते है , तुलसी की फसल के लिए आपको सर्वप्रथम अपने खेतों में जुताई करवाकर उसे समतल कर लेना चाहिए । उचित जल निकासी वाली भूमि में भी इसके पौधे आसानी से वृद्धि कर सकते है |तुलसी का पौधा सामान्य मिट्टी में अच्छी तरह से पनपता है। तुलसी के पौधों को वृद्धि करने के लिए किसी खास तापमान की आवश्यकता नहीं होती है, इसके पौधे सामान्य तापमान में आसानी से विकास करते है | तुलसी का पूर्ण विकसित पौधा तीन वर्ष तक पैदावार देता है| कटाई जब पौधों की पत्तियां बड़ी हो जाती हैं तभी इनकी कटाई शुरू हो जाती है. सही समय पर कटाई करना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो इसका तेल की मात्रा पर असर होता है। पौधे पर फूल आने की वजह से भी तेल की मात्रा कम हो जाती है । जब पौधे में पूरी तरह से फुल आ जाये तथा नीचे के पत्ते पीले पड़ने लगे तो इसकी कटाई कर लेनी चाहिए । रोपाई के 10-12 सप्ताह के बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है। खेती के लिए प्रजाति श्याम या कृष्ण तुलसी अमृता तुलसी कर्पूर तुलसी रामा तुलसी बाबई तुलसी बीज ( seeds of tulsi)तुलसी तुलसी की फसल तैयार करने के लिए इसे डाइरैक्ट खेतो में नहीं लगाया जाता, बल्कि पहले इसके बीजों से नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते है, और बाद मैं उन्हे खेतो में लगाया जाता है, और फसल तैयार की जाती है। व्यपार ( तुलसी कहाँ बेचे? ) अब अगर हम तुलसी के खेती का व्यापार चाहते है, तो इसमें हम दो तरह से व्यपार कर सकते है 1) तुलसी का तेल बेचकर – तुलसी का तेल इसकी पत्तियों से तैयार किया जाता है। और दूसरा 2) तुलसी के बीज बेचकर । इन आयुर्वेद कंपनी को आप माल बेच सकते है आर्गेनिक इंडिया ( organic India ) , पतंजलि ( Patanjali ) , ममाअर्थ ( mamaearth ) और भी बोहत है । अगर आप गूगल ( Google ) पर जाकर Tulsi Buyer Company In India सर्च करेंगे , तो आपको बोहत सारि कंपनी की लिस्ट मिल जाएगी । किन्तु ध्यान रहे – किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा मत करिये XXX 1} पहले उनसे बात करो 2} क्या उन्हें तुलसी की जरुरत है ? ये पूछो ! 3} अगर हां है तो _ उन्हें बताइये की आप तुलसी की खेती करना कहते है – क्या वे आप से माल लेंगे ? 4} अगर वो हा बोलते है तो उनसे मिलाकर एक अग्रीमेंट ( Ageriment ) जरूर बनवाना , ताकि वो आपको धोखा न दे सके । 5} जो किसान इसकी खेती करते है , उनसे पहले जाकर मिलिए और जानकारी हासिल कीजिये । _Article By.- VikramMarket.