Tag: हवा में आलू बीज उत्पादन की अनूठी तकनीक विकसित

Aeroponic Farming : हवा में भी आलू उगा पाएंगे किसान

Aeroponic Farming : हवा में भी आलू उगा पाएंगे किसान Vik 28

Aeroponic Farming : हवा में भी आलू उगा पाएंगे किसान Potato Farming :- सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन अब आलू हवा में उगाए जा सकेंगे और  यह संभव हुआ है । Aeroponic Potato Farming तकनीक से। इस तकनीक के जरिए आलू उगाने के लिए अब जमीन और मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ेगी। ICAR_ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR  के अंतर्गत केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान पिछले कई साल से आलू के बीज उत्पादन की इस तकनीक पर अनुसंधान कर रहा था। इस तकनीक का नाम ‘एरोपोनिक फार्मिंग’ है। एरोपोनिक फार्मिंग में बीजों के अंकुरित होने के बाद उसे बनाए गए छोटे-छोटे खांचों में रख दिया जाता है जिसकी जड़ें नीचे हवा में झूलती हैं। इन जड़ों पर पोषक तत्वों का छिड़काव मिस्टिंग के रूप में किया जाता है जिससे आलू की फसल खराब नहीं होती और पैदावार अच्छी होती है। बता दें इस अनुबंध पर केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र काफी वक्त से इस तकनीक पर काम कर रहा था। अब इस अनुबंध के साथ मध्य प्रदेश बागवानी विभाग को इस तकनीक का लाइसेंस देने का अधिकार दिया है. जिसके बाद आलू उत्पादन के क्षेत्र में अच्छा-खासा विकास देखने की उम्मीद जताई जा रही है। क्या है एरोपोनिक तकनीक? What Is Aeroponic Farming बहुत से लोग अक्सर एरोपोनिक खेती और हाइड्रोपोनिक खेती को एक जैसा समझते है। हालांकि खेती के ये दोनों रूप हाल-फिलहाल के सालों में ही काफी लोकप्रिय हुए हैं। दोनों विधियां समान हैं, क्योंकि इनमें  मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन जिस तरह से इन विधियों में पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाया जाता है वह बहुत अलग है। हाइड्रोपोनिक में, पौधों को पूरे समय पानी में रखा जाता है, जबकि Aeroponic Potato Farming में पानी स्प्रे करके पोषक तत्व दिए जाते हैं। हवा में किया जाएगा आलू बीज का उत्पादन आलू के पौधे को एक बंद वातावरण में उगाया जाता है, जिसमें पौधा ऊपर की ओर रहता है और जड़ें नीचे की और अँधेरे में रहती हैं।  नीचे की और  पानी के फव्वारे लगे रहते हैं, जिससे पानी में न्यूट्रीएंट्स मिलाकर जड़ों तक पहुंचाए जाते हैं। यानी ऊपर पौधे को सूरज की रौशनी मिलती है और नीचे से पोषक तत्व और इससे पौधे का विकास होता रहता है।” एरोपोनिक तकनीक के माध्यम से पोषक तत्वों को धुंध के रूप में जड़ों में छिड़का जाता है. पौधे का ऊपरी भाग खुली हवा और प्रकाश में रहता है. इस तकनीक से आलू उगाने के दौरान मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है. ऐसे में फसल में मिट्टी जनित रोगों के लगने की संभावना भी कम रहती है, जिससे किसानों का नुकसान काफी हद तक कम हो सकता है. Minister of Agriculture India केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी का कहना है _ कि यह नई तकनीक आलू के बीज की आवश्यकता को महत्वपूर्ण रूप से पूरा करेगी साथ ही देश में आलू के उत्पादन में वृद्धि भी होगी । केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने हवा में आलू के बीज उत्पादन की यह अनूठी तकनीक विकसित की है। इसके अंतर्गत ग्वालियर में म.प्र. की पहली लैब स्थापित होगी।   Article By.- VikramMarket   Tag.- Agriculture News in हिंदी – Aeroponic Potato फार्मिंग – Agriculture की ताज़ा खबरे हिन्दी में | ब्रेकिंग

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