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@कृषी -अनाज और दालों पर 5% GST

@कृषी -अनाज और दालों पर 5% GST Narendra Modi

अनाज और दालों पर 5% GST | व्यापरियों का कड़ा विरोद  GST On Food :- भारत सरकार ने सोमवार (18 तारीख) से नॉन-ब्रांडेड दालों और अन्य खाद्यान्नों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। छोटे व्यापारियों के लिए यह फैसला बढ़ा ही हानिकारक साबित हो सकता है। नॉन-ब्रांडेड अनाज और दालों पर जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का हर तरफ से विरोध हो रहा है। केंद्र के इस फैसले से पांच हजार से ज्यादा छोटे व्यापारी बाजार से बाहर हो जाने की आशंका जताते हुए दाल मिल एसोसिएशन ने इस फैसले को रद्द करने की मांग की है। क्या क्या बदलेगा ? केंद्र सरकार द्वारा पहले से पंजीकृत ब्रांडेड याने ( नोंदणीकृत ब्रँडेड ) अनाज पर जीएसटी लगाया जाता था । अब अगर नॉन -ब्रांडेड खाद्यान्न पर भी जीएसटी लगाया जाता है, तो खाद्यान्न का व्यापार धीरे-धीरे कम हो जाएगा। देश में 85 प्रतिशत छोटे व्यवसायी ब्रांडेड और नॉन-ब्रांडेड खाद्यान्नों का सौदा करते हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले से उनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।डालमिल एसोसिएशन ने भविष्यवाणी की है कि इससे कम से कम पांच करोड़ व्यवसायी प्रभावित होंगे। बड़ी कंपनियों द्वारा एकाधिकार बढ़ेगा, इससे छोटे व्यपारियों को अस्तित्व ही ख़त्म हो जायेगा । केंद्र सरकार का बदला निर्णय ? Narendra Modi :- 2017 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। उस समय उन्होंने दैनिक आवश्यक खाद्यान्न और दालों को कर मुक्त करने की घोषणा की थी। सिर्फ चार साल में केंद्र सरकार अपनी नीति बदल रही है और व्यापार विरोधी रुख अपना रही है। व्यापरियों का कड़ा विरोद  सरकार के इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र के साथ साथ अन्य राज्यों के व्यापारी एकजुट हो गए है । ‘जीएसटी’ की शर्त को वापस लिया जाए नहीं तो भविष्य में जोरदार आंदोलन होगा, ऐसा संकेत व्यपारियों ने दिया है। इससे किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पूर्व के निर्णय को कायम रखते हुए किसानों व व्यापारियों को इससे छूट दी जाए, अन्यथा राज्य भर में आंदोलन किया जाएगा , ऐसा सूचक इशारा व्यपारियों की और से आया है। शनिवार को राज्य भर में अनाज मंडियां बंद रहेंगी। इसमें बाजार समितियों के साथ-साथ छोटे मोठे व्यापारी भी भाग लेंगे। ऑल इंडिया डालमिल एसोसिएशन ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसी के अनुरूप भारत सरकार ने सोमवार (18 तारीख) से नॉन-ब्रांडेड दालों और अन्य खाद्यान्नों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। यह फैसला छोटे व्यापारियों के लिए घातक है। इसलिए इसे तुरंत वापस लिया जाए।ऐसी विनती की है। Article By.-  VikramMarket.

Agriculture सोने के बदले धान 

Agriculture सोने के बदले धान  future of agriculture in India :- हमारे देश में हर दिन दो हजार एकड़ कृषि में गिरावट आ रही है।

Future सोने के बदले धान | Agriculture News future of agriculture in India :- हमारे देश में हर दिन दो हजार एकड़ कृषि में गिरावट आ रही है। अभी जो दुनिया मैं धान की कमकरता दिख रही है, इससे यही प्रतीत होता है की भविष्य मैं ये और बढ़ ने वाली है । खेती के दिन बदलने वाले हैं। भविष्य मैं आगे चलकर खेती करने वालों की संख्या बोहत कम हो जाएगी , इसके पीछे बेमौसम बारिश – बढ़ती गर्मीऔर अन्य नैसर्गिक कारण होंगे’ – साथ साथ बढ़ते फ़र्टिलाइज़र के चलते मिटटी की कम होती सुपिक्ता भी एक प्रमुख वजह है । और ये संकट धीरे धीरे अपना भीषण रूप धारण करके पुरे भूखंड को निगल लेगा । अभी पूरी दुनिया मैं गेहू , चावल , की बढ़ी पैमाने पर कमकरता महसूस हो रही है । हमारे भारत का ही उदहारण देख लीजिये ; हमने अभी से गेहू का एक्सपोर्ट बंद कर दिया है । जिससे हमारे देश मैं गेहू की कमी न हो । रूस दुनिया का सबसे बढ़ा गेहू निर्यातक देश है , किन्तु रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से पाचात्य देशों ने उसपर निर्भंध लगा दिए है । इसी की वजह पूरी दुनिया मैं गेहू की कमी दिखी गयी है । दुनिया मैं ऐसे कई देश है , जहा गेहू की खेती नहीं की जाती – जो की अन्य देशों पर निर्भर करते है । बदलता मौसम ( weather )  पिछले कुछ सालों धरती का तापमान कुछ हद से ज्यादा बढ़ गया है – और बढ़ता ही जा रहा है । बेमौसम बारिश _ धरती मैं कम होती पानी का स्तर ये साफ दर्शाता है की , बोहत जल्द धरती की बोहत से उपजाऊ जमीन बंजर होने वाली है ( soil decline) । जिसका मतलब ये है की खाने के लाले और बढ़ेंगे । सोने के बदले धान  भविष्य मैं खेती को सबसे अधिक महत्व रहने वाला है । एक दिन ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी कि आप मुट्ठी भर ‘ सोना लेकर अनाज का एक थैला’ दिया जायेगा। क्योंकि भविष्य मैं खेती के लिए उपजाऊ जमीं ना के बराबर होगी । इसी लिए जितना हो सके उतना ऑर्गनिक खेती ( Organic Farming ) करने का संभव प्रयत्न अवश्य करे , जिससे आने वाला हमारा भविष्य महफूज़ रहे । किन्तु इन सभी  बातों को मध्यनज़र रखकर देखे , तो – इस बात मैं कोई दोराय नहीं की भविष्य मैं जिसके पास खेती और धान होगा , वो सबसे धनवान होगा । Article By.- VikramMarket.  

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