@Aprajita_ऐसा फूल जिससे बनती है चाय , लाखों मैं कमाई | Asian pigeonwings Farming Aparajita Cultivation: औषधीय फसलों की खेती देश में किसानों के बीच अधिक लोकप्रिय हो रही है। वाजह भी साफ है – अन्य फसलों के मुकाबले औषधीय फसलों मैं अधिक मुनाफा मिल रहा है। और इसमें ज्यादा मात्रा मैं फ़र्टिलाइज़र भी इस्तमाल नहीं होता , जिसे की उनकी खेती मैं लगने वाला खर्च कम भी कम आता है । तो आयी आज हम आपको ऐसे फसल के बारे मैं बतायनेगे , जिसे करकर आपकी आय दुगुनी हो जाएँगी । Aprajita Flower Farming : इस औषिधीय वनस्पति का नाम अपराजिता है ।अपराजिता याने की तितली मटर एक औषधीय फसल होने के साथ-साथ दलहनी और चारा फसल भी है । इसके-मटर और फलियां जहां भोजन बनाने में काम आती हैं। वहीं, इसके फूलों से ब्लू टी यानी नीली चाय बनाई जाती है। इस नीली चाय को डायबिटीज जैसी बीमारियों के खिलाफ फायदेमंद है। वहीं, इस पौधे के बाकी बचे भाग को आप पशु चारे के तौर पर उपयोग कर सकते हैं. यानी एक फसल तीन काम और तीन गुना ज्यादा मुनाफा। अपराजिता खेती कैसे की जाती है ? World Famous Blue Tea :- अपराजिता यानी तितली मटर एक सदाबहार औषधीय फसल है, जो सर्दी, गर्मी या सूखे जैसी परिस्थितियों में बढिया उत्पादन देती है. मौसम की अनिश्चितताओं, जोखिमों और खारी जमीन में भी ये विकसित हो जाती है।अपराजिता की फसल गर्मी से लेकर सूखे जैसी स्थितियों में भी बढ़िया तरीके से विकास करती हैं। मिट्टी और जलवायु का इसपर कोई खास असर नहीं पड़ता है। इसकी खेती से पहले बीजों का उपचार कर लेना चाहिये. विशेषज्ञों के अनुसार, बुवाई 20 से 25 × 08 या 10 सेमी की दूरी एवं ढ़ाई से तीन सेमी की गहराई पर करनी चाहिए। इसकी फलियों की तुड़ाई वक्त रहते कर लें, वरना इसकी फलियां जमीन पर गिरकर खराब हो जाती हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं तो आराम से 1 से 3 टन सूखा चारा और 100 से 150 किलो बीज प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हासिल कर सकते हैं। वहीं, सिंचाई वाले इलाकों में इसके उत्पादन में 8 से 10 टन सूखा चारा और 500 से 600 किलो बीजों का उत्पादन लिया जा सकता है. कई देशों में इसके फूलों और प्रोडक्ट की निर्यात भी किया जाता है. ऐसे में किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा हासिल कर सकता है। बोहत सरे देशों मैं अपराजिता की खेती की जाती है Asian Pigeonwings Farming :- आपके जानकारी के लिए बता दें कि भारत के अलावा इसकी खेती अमेरिका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों में बड़े पैमाने पर की जाती है। Article By. – VikramMarket.