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Colored Corn: रंगीन मक्के की खेती

Colored Corn: रंगीन मक्के की खेती Colored Corn: रंगीन मक्के की खेती

Colored Corn: रंगीन मक्के की खेती Maize: आज का दौर वो दौर नहीं जब भारत के किसान सिर्फ एक ही तरह की खेती करके आपने गुजरा करा करते थे । अब सब बदल चूका है , बदलती दुनिया के साथ भारत के किसान खेती मैं अलग अलग तरह की फसल लगा कर पारंपरिक खेती से अलग हटकर भी कमाई कर रहे हैं। इसी कड़ी मैं एक और फसल है , जो किसान बोहत पसंद कर रहे । रंगीन मक्कों की खेती – तो चाइये इस आर्टिकल मैं हम उसी के बारे मैं जानते है कैसे की जाती है रंगीन मक्के की खेती । हमारे देश भारत में पिले रंग की मक्के के साथ साथ रंगी मक्के के खेती भी की जाती है । यह मकई सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि घर को सजाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। वैसे आपके जानकारी के लिए बता दू – भारतीय राज्य मिजोरम में उगाए जाने वाले इस मक्के को मक्कों की रानी के रूप में जाना जाता है। मक्का रंग कैसे बदलती है ? Flint corn: हमारे देश में हजारों सालों से इस फसल की खेती की जाती है।रंगीन मक्के की खेती मिजोरम राज्य में एक बड़े तौर पर की जाने वाली खेती है। यह खेती यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बहुत लंबे समय से की जाने वाली खेती है, इसमें मक्का लाल, नीले, बैगनी और काले रंगों में उगाया जाता है। अब क्या आपको पता है कि यह रंग इसमें किन कारणों से होता है, तो हम आपको बता दें कि इस प्रकार की रंगीन मक्का में फेनोलिक और एंथोसाइएनिन तत्व पाए जाते हैं ,जिनकी मौजूदगी के कारण यह अलग-अलग रंगों में उगती है। खेती कैसे करे  रंगीन मक्के की खेती करने के लिए आपके क्षेत्र का तापमान 20 से 50 डिग्री सेल्सियस तक का होना चाहिए। इन फसलों की पैदावार उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में काफी अच्छी होती है तथा जब भी इनके पौधों की रोपाई की जाती है तब हमें हल्की नमी की जरूरत होती है। यह फसल किसी भी मिट्टी में उगाई जा सकती है, बस उस मिट्टी में पानी की निकासी होती रहनी चाहिए परंतु यदि आपको इसकी अच्छी पैदावार चाहिए तो इसके लिए सामान्य तौर पर बालू या दोमट मिट्टी बहुत ही अच्छी मानी जाती है। साथ ही साथ उस मिट्टी में लवणों और क्षारीय गुणों कि संतुलित मात्रा भी उपस्थित होनी चाहिए। और इसे आप पिले मक्के की तरह लगा सकते है । और इसे गोबर का खत जरूर दे , ताकि इसकी फसल अच्छे से तैयार हो सके ।  सिंचाई कैसे करे ? मक्के की फसल के लिए 450 से 650 मिमी पानी की आवश्यकता होती है. सिंचाई के कुछ दिन बाद ही बीजों की रोपाई कर देनी चाहिए और जब पौधों में दाने लगने लगे तो इसकी सिंचाई कर देनी चाहिए. इसके अलावा फसल को खरपतवार से भी बचाने के लिए समय-समय पर खेतों की निराई और गुड़ाई करते रहना चाहिए. कितनी फसल तैयार होगी ? आप प्रति हेक्टेयर खेत में मक्के की लगभग 35 से 55 क्विंटल की उपज प्राप्त कर सकते हैं, जिनकी बाजारों में 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत होती है। Published: 27-1-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/01/13/एप्पल-बोर-की-खेती-सालों-की/   Home https://www.vikrammarket.com/खेती-की-जानकारी/ पशुपालन

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