Guava Farming In Hindi| अमरूद की खेती Amrud Ki Kheti : अगर आप भी बागवानी में रुचि रखते हैं तो अमरूद की बागवानी कर के आप तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। अमरूद की बागवानी से आप महज एक हेक्टेयर से ही साल भर में करीब 25 लाख रुपये की आमदनी कर सकते हैं, जिसमें करीब 15 लाख रुपये आपका मुनाफा होगा। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप बागवानी सही से करें और साथ ही उन्नत किस्म का चुनाव करें।अमरूद का पौधा कितने रुपये में मिलेगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी किस्म की खेती करते हैं। इसकी संकर किस्मों में वीएनआर बिही, अर्का अमुलिया, अर्का किरण, हिसार सफेदा, हिसार सुर्खा, सफेद जैम और कोहिर सफेद जैसी किस्में हैं। वहीं एप्पल रंग, चित्तीदार, इलाहाबाद सफेदा, लखनऊ-49, ललित, श्वेता, इलाहाबाद सुर्खा, इलाहाबाद मृदुला, अर्का मृदुला, सीडलेस, रेड फ्लैश, पंजाब पिंक और पंत प्रभात जैसी किस्में भी उगाई जाती हैं। हर तरह की वैराएटी के पौधे की कीमत अलग-अलग होती है। हालांकि, अगर आप वीएनआर बिही किस्म की खेती करते हैं, जिसका फल 1 किलो तक का हो जाता है तो आपको 1 पौधे के लिए करीब 180 रुपये चुकाने होंगे। बशर्ते आप कम से कम 500 पौधों का ऑर्डर करें। इसका ऑर्डर आप ऑनलाइन वेबसाइट इंडिया मार्ट से कर सकते हैं या फिर चाहे तो वीएनआर बिही किस्म बनाने वाली वीएनआर नर्सरी से भी इसे ऑर्डर कर सकते हैं। आपके इलाके के आस-पास जो भी नर्सरी वाले पौधे सप्लाई करते हैं, वह भी आपको पौधे मुहैया करा सकते हैं। अमरूद की खेती में सबसे अच्छी बात ये होती है कि ये 5 डिग्री तक की ठंड और 45 डिग्री तक की गर्मी को भी झेलने की ताकत रखता है। अमरूद के पौधों को एक लाइन में करीब 8-8 फुट की दूरी पर लगाना चाहिए। दो लाइनों के बीच में 12 फुट की दूरी भी रखें। इस दूरी का फायदा होगा कि आपको अमरूद पर दवा छिड़कने, बैगिंग करने या बाकी रख-रखाव में आसानी रहेगी। जगह अधिक होने की वजह से आप छोटा ट्रैक्टर भी इसमें चला सकेंगे और मशीनों से ही दवा आदि का छिड़काव कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में इस तरह करीब 1200 पौधे लग जाएंगे। अमरूद की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए ड्रिप इरिगेशन की मदद से सिंचाई करनी चाहिए, जिससे तमाम फर्टिलाइजर भी आसानी से दिए जा सकें। करीब 2 बाद आप अमरूद की वीएनआर बिही वैराएटी से फल ले सकते हैं, जो किसानों में खूब लोकप्रिय है। Common guava : अमरूद की इस फसल का साल में दो बार उत्पादन लिया जा सकता है। पहला उत्पादन जुलाई-अगस्त में मिलता है और दूसरा उत्पादन अक्टूबर नवंबर में मिलेगा।जब अमरूद की फसल में फल लगने शुरू हो जाएं तो उनकी बेहतर देखभाल करना जरूरी है। जब फल एक गेंद जितना बड़ा हो जाए तो उसकी बैगिंग कर देनी चाहिए। इसके तहत फल पर तीन लेयर की सुरक्षा दी जाती है। पहले फल को फोम नेट से लपेटा जाता है, ताकि वह फल को रगड़ से बचा सके। इसके बाद दूसरी लेयर होती है पॉलीथीन की, जो कीट-पतंगों से फल को बचाता है। वहीं तीसरी लेयर होती है अखबार की, जो फलों को हर तरफ से एक जैसा रंग देता है। अगर पेपर नहीं लपेंटे तो जिधर धूप पड़ेगी उधर ज्यादा हरा हो जाएगा और जिधर धूप नहीं पड़ेगा, उधर कम हरा रहेगा। बैगिंग के बाद मिली फसल दिखने में बहुत ही सुंदर होती है और फलों को बाजार में बहुत अच्छा दाम मिलता है। अच्छी कीमत पाने के लिए फलों का आकार 500-600 ग्राम तक ही रखें, ज्यादा बड़ा ना करें। अमरूद की फसल में किसानों को जो लागत खलती है, वह होती है 2 साल तक उसके पौधे को पालने की। अगर आप किराए की जमीन पर अमरूद की खेती करते हैं तो दो साल तक 1 हेक्टेयर में लगे अमरूद को पालने में करीब 10 लाख रुपये खर्च हो जाएंगे। वहीं 2 साल बाद जब अमरूद फसल देने लगेगा तो आपका लेबर का खर्च काफी बढ़ जाएगा, क्योंकि बैगिंग से लेकर हार्वेस्टिंग तक में बहुत अधिक लेबर की जरूरत होती है। ऐसे में आपको 1 हेक्टेयर में हर साल करीब 10 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे। एक सीजन में आप एक पौधे से करीब 20 किलो अमरूद ले सकते हैं, जो औसतन 50 रुपये किलो के हिसाब से बिक जाएंगे। यानी साल भर में दो बार हार्वेस्टिंग से आपकी करीब 25 लाख रुपये तक की कमाई हो जाएगी। इसमें से अगर 10 लाख रुपये खर्चा निकाल दें, तो भी आपको 15 लाख रुपये का मुनाफा होगा। अमरूद के फायदे और उपयोग Amrud Benefits and uses : आयुर्वेद में अमरूद के कई फायदे (guava benefits in hindi)बताए हैं, अमरूद में माताओं में दूध बढ़ाने वाले, मल को रोकने वाले, पौरुष बढ़ाने वाले, शुक्राणु बढ़ाने वाले और मस्तिष्क को सबल करने वाले होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को शांत करता है, हृदय को बल देता है, कृमियों का नाश करता है, उल्टी रोकता है, पेट साफ करता है औऱ कफ निकालता है। मुँह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इनका सेवन लाभप्रद होता है। आइये अमरूद के प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं। सिरदर्द दूर करता है अमरूद खाँसी-जुकाम से आराम दिलाता है अमरूद मुँह के रोग और दांतदर्द से आराम हृदय रोगों से बचाव उल्टी रोकने में असरदार है अमरूद प्यास बुझाने में मदद करता है अमरूद पेचिश में लाभकारी है अमरूद कब्ज से छुटकारा पाने के लिए करें अमरूद का सेवन पेट दर्द में लाभकारी है अमरूद दांत दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद अमरूद ठंडक के लिए अमरूद का सेवन करें हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने में अमरूद के फायदे मुँह का दुर्गंध दूर करने में फायदेमंद हीमोग्लोबिन मलद्वार बाहर निकलने की समस्या से दिलाये आराम खूनी बवासीर से आराम दिलाता है अमरूद गठिया में फायदेमंद मानसिक रोगों में फायदेमंद है अमरूद ऐंठन व कंपन दूर करता है अमरूद एसिडिटी दूर करने में मददगार है अमरूद Article By.- VikramMarket.