टोमॅटो लागवड 2022 _ टमाटर की खेती _Tomato Farming In India महाराष्ट्र का वातावरण टमाटर की खेती के लिए काफी अच्छा है ।अगर जलवायु, पानी और मिट्टी का अध्ययन किया जाए, तो किसान अपने टमाटर की बेहतर तरीके से योजना बना सकते हैं। और हद से ज्यादा उत्पादन लेकर मुनाफा कमा सकते है । टमाटर महाराष्ट्र में उगाई जाने वाली एक बारहमासी फसल है, हालांकि यह एक गर्म फसल है। बहुत अधिक ठण्ड टमाटर के पौधे को बढ़ने नहीं देती । ( Tomato Farming ) महाराष्ट्र ( Maharashtra) लगभग 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 12 लाख टन का उत्पादन करता है। साथ ही अन्य राज्यों की तुलना में टोमेटो की खेती मैं महाराष्ट्र सबसे आगे है ।Tomato खाने के फायदे – टमाटर विटामिन ए, बी, और सी, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन से भी भरपूर होते हैं। ( Tomatoes contain vitamins A, B, and C, calcium, phosphorus ) टमाटर से सूप, सॉस, केचप, जैम, जूस, चटनी आदि बनाए जा सकते हैं। इससे टमाटर का औद्योगिक महत्व बढ़ गया है। टमाटर की खेती टमाटर के लिए आवश्यक जलवायु को ध्यान में रखते हुए, जलवायु शुष्क, स्वच्छ और कम आर्द्रता और अच्छे तापमान के साथ फसल अच्छी होती है। हालांकि, कम आर्द्रता, उच्च तापमान और शुष्क हवाएं टमाटर की फसल को अंकुरित कर सकती हैं। उचित तापमान और उर्वरकों के उचित उपयोग से टमाटर के फल की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है , इसीलिए टमाटर को एक सामान लगाना चाइये जमीन का चुनाव – Land required for tomato crop टमाटर की खेती के लिए मध्यम और भारी मिट्टी उपयुक्त होती है। लेकिन ऐसी मिट्टी को जैविक खाद की बहुत अधिक आवश्यकता होती है, इस की वजह से फसल अच्छी तरह से बढ़ती है। फसल की बार-बार सिंचाई करनी चाहिए हल्की मिट्टी में फसल जल्दी निकल जाती है लेकिन भारी मिट्टी में फल देर से लगते हैं, परन्तु यह अधिक उत्पादन देती है । अधिक काली मिट्टी वाली जमीं मैं टमाटर लगाना टालना चाइये , गर्मियों में टमाटर को हल्की मिट्टी में नहीं उगाना चाहिए। क्षारयुक्त भूमि में जल निकासी की कमी के कारण ऐसी मिट्टी में फसल अच्छी तरह से विकसित नहीं होती है। याद रखे इससे पहले इस जमीं पर बैंगन मिर्च आधी की फसले न ली हो तो बेहतर होगा । किसानों को अधिकतम वर्षा वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम मिट्टी का चयन करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि बारिश का पानी खड़ी फसल में जमा न हो। टमाटर रोपण भूमि की तैयारी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसके लिए किसानों को भूमि की जुताई करनी चाहिए। टमाटर की फसल के लिए काली दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल दोमट मिट्टी में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। वैसे टमाटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। हल्की मिट्टी में भी टमाटर की खेती अच्छी होती है। टमाटर रोपण – Planting of tomato seedlings टमाटर की पौध तैयार होने के बाद, रोपाई से 8 से 10 दिन पहले रोपाई वाले वाफों को पानी दें और उन्हें भाप की स्थिति में रखें। उत्तरी मैदानों में तीन फसलें ली जाती हैं लेकिन ठंढ प्रभावित क्षेत्र में रबी की फसल फलदार नहीं होती है। खरीफ की फसल को जुलाई में, रबी की फसल को अक्टूबर – नवंबर में और फरवरी के महीनों में जायद की फसल में रोपाई की जाती है। रोपण के 30 से 35 दिनों के बाद, शाखाएं और टहनियां जोर से बढ़ती हैं, इसलिए पेड़ को बांस, सुतली और तार से बांधकर उनको आधार दिया जाता है। पेड़ की ऊंचाई 30 सेमी जब हो जाए, तो पेड़ के तने में एक सुतली बांधें और उसे तार से बांध दें। किड व उर्वरक फल उत्पादन और गुणवत्ता पोषक तत्वों की उपलब्धता और उर्वरक अनुप्रयोग पर निर्भर करता है, इसलिए आवश्यकता के अनुसार संतुलन उर्वरक लागू होते हैं। इसलिए आप कृषि तदन्य से सला-मशवरा कर ले । टमाटर फल की कटाई – Harvesting of tomato पूरी तरह से पके और लाल फलों को तोड़ लें। लेकिन बाजार के लिए जरूरी यह है, की फलों को आधा लाल और आधा हरा तोडना होता है । ना ज्यादा लाल और नाही ज्यादा हरा _ ऐसा फल मार्किट मैं ले जाओगे तो ही अच्छी कीमत मिलेगी । ज्यादा लाल फल को भी तोड़ लेना क्यों की इनकी भी मांग होती है पर इनको इतना भाव नहीं मिलता । कुछ नहीं समजे तो जो किसान टोमेटो की खेती करते है – उनका मार्गदर्शन ले सकते है । और फिर भी ना समजे या आपको इस विषय मैं कोई और जानकारी चाइये तो आप हमे संपर्क करे । Article By. – VikramMarket. https://www.vikrammarket.com/2022/05/07/कृषि-से-संबंधित-ये-टॉप-5-बिज/