Pomato: एक ही पेड़ पर आलू ,टोमॅटो,बैंगन Krushi: क्या आपने कभी ऐसा पेड़ देखा है जिसपर – टोमेटो , बैंगन , और आलू एक साथ लगे हो । है ये कोई करिश्मा नहीं बल्कि – विज्ञानं का अविष्कार है । इस तकनीक को ग्राफ्टिंग कहते है और इस पेड़ को पोमैटो कहते है । तो चलिए जानते है की कैसे एक ही पेड़ पर हम आलू , टोमेटो और बैंगन को ऊगा सकते है । भारत शुरवात से ही कृषि प्रधान देश रहा है , इस लिए खेती से जुड़े नई नई खोज होती रहती है – जिससे किसानों को लाभ हो सके ,और वे ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सके । ऐसी ही एक खोज वाराणसी मैं आने वाले शंहशाहपुर के कृषि वैज्ञानिक आनंद बहादुर सिंह जी ने की है । डॉ. आनंद बहादुर सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी मैं भारतीय सब्ज़ी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ आनंद बहादुर सिंह द्वारा ‘ग्राफ्टिंग तकनीक’ का उपयोग करके एक ही पौधे पर तीन अलग तरह की सब्ज़ियों उगने का प्रीसा किया गया , और आपको बात दे की वो साफ रहे। ग्राफ्टिंग तकनीक की मदत से वे टमाटर के पौधे में बैंगन के पौधे की कलम लगाकर एक ही पौधे पर एकसाथ दो सब्ज़ियां उगा रहे हैं। वैसे ग्रेटिंग तकनीक का शोध काफी पहले ही हुवा था , किन्तु एक पेड़ पर टिल सब्जिया ये प्रयोग डॉ आनद बहादुर जी ने कर दिखाया , और वे इस तकनीक को हासिल करने मैं सफल रहे । ग्राफ्टिंग तकनीक क्या है ? Plant Grafting: ग्राफ्टिंग एक बोहत ही आसान तकनीक है । ग्राफ्टिंग की तकनीक से एक ही पौध पर एक प्रजाति याने सब्जिओं की श्रृंखला मैं एक सामान उगने वाली सब्जी को लेना चाइये , “उदाहरण के लिए – टमाटर और बैंगन एक ही प्रजाति की सब्जियों मैं आती है” । इस तरह की सब्जी के पेड़ को लेकर दो या दो से अधिक तरह के फल-सब्जी एकसाथ उगाई जा सकती हैं। पोधों की विशेषता इस तरह से ग्राफ्टिंग पौधों की सबसे खास बात यह है कि इन्हे 24 से 28 डिग्री टैम्प्रेचर पर रखते हुए, ’85 प्रतिशत से ज़्यादा नमी’ और ‘बिना प्रकाश के नर्सरी’ में ही तैयार किया जा रहा है, है इसका मतलब के इसे ज्यादा धुप की आवशकता नहीं । डॉ आनंद के अनुसार- “ग्राफ्टिंग करने के 15 से 20 दिन के बाद इन पौधों को खेत में बो दिया जाता है, फिर इनमें आवश्यक मात्रा में उर्वरक व पानी दिया जाता है, साथ ही पौधे की कांट-छांट का काम किया जाता है, 60 से 70 दिन बाद इस पर सब्ज़ी आनी शुरु हो जाती है। और इस तरह की सब्जी को मार्किट मैं अच्छी कीमत भी मिलती है । भारतीय सब्जी अनुसंधान के डायरेक्टर डॉक्टर जगदीश सिंह जी का केहना है की इस तरह की तकनीक से किसानों की आया बढ़ जाएगी , उनकी रुधि होगी । और उनको कमाई का एक नया जरिया मिल सकता है । Published: 14-12-2022 Article By.- VikramMarket. WhatsApp Group Join https://www.vikrammarket.com/2022/11/26/gir_गिर-गाय-की-पूरी-जानकारी/ सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2022/12/08/भूत-झोलकिया_-सबसे-तीखी-मिर/ Home https://www.vikrammarket.com/2022/12/07/fish-farming_तिलापिया-मछली-पालन/
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@कृषी -अनाज और दालों पर 5% GST
अनाज और दालों पर 5% GST | व्यापरियों का कड़ा विरोद GST On Food :- भारत सरकार ने सोमवार (18 तारीख) से नॉन-ब्रांडेड दालों और अन्य खाद्यान्नों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। छोटे व्यापारियों के लिए यह फैसला बढ़ा ही हानिकारक साबित हो सकता है। नॉन-ब्रांडेड अनाज और दालों पर जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का हर तरफ से विरोध हो रहा है। केंद्र के इस फैसले से पांच हजार से ज्यादा छोटे व्यापारी बाजार से बाहर हो जाने की आशंका जताते हुए दाल मिल एसोसिएशन ने इस फैसले को रद्द करने की मांग की है। क्या क्या बदलेगा ? केंद्र सरकार द्वारा पहले से पंजीकृत ब्रांडेड याने ( नोंदणीकृत ब्रँडेड ) अनाज पर जीएसटी लगाया जाता था । अब अगर नॉन -ब्रांडेड खाद्यान्न पर भी जीएसटी लगाया जाता है, तो खाद्यान्न का व्यापार धीरे-धीरे कम हो जाएगा। देश में 85 प्रतिशत छोटे व्यवसायी ब्रांडेड और नॉन-ब्रांडेड खाद्यान्नों का सौदा करते हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले से उनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।डालमिल एसोसिएशन ने भविष्यवाणी की है कि इससे कम से कम पांच करोड़ व्यवसायी प्रभावित होंगे। बड़ी कंपनियों द्वारा एकाधिकार बढ़ेगा, इससे छोटे व्यपारियों को अस्तित्व ही ख़त्म हो जायेगा । केंद्र सरकार का बदला निर्णय ? Narendra Modi :- 2017 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। उस समय उन्होंने दैनिक आवश्यक खाद्यान्न और दालों को कर मुक्त करने की घोषणा की थी। सिर्फ चार साल में केंद्र सरकार अपनी नीति बदल रही है और व्यापार विरोधी रुख अपना रही है। व्यापरियों का कड़ा विरोद सरकार के इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र के साथ साथ अन्य राज्यों के व्यापारी एकजुट हो गए है । ‘जीएसटी’ की शर्त को वापस लिया जाए नहीं तो भविष्य में जोरदार आंदोलन होगा, ऐसा संकेत व्यपारियों ने दिया है। इससे किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पूर्व के निर्णय को कायम रखते हुए किसानों व व्यापारियों को इससे छूट दी जाए, अन्यथा राज्य भर में आंदोलन किया जाएगा , ऐसा सूचक इशारा व्यपारियों की और से आया है। शनिवार को राज्य भर में अनाज मंडियां बंद रहेंगी। इसमें बाजार समितियों के साथ-साथ छोटे मोठे व्यापारी भी भाग लेंगे। ऑल इंडिया डालमिल एसोसिएशन ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसी के अनुरूप भारत सरकार ने सोमवार (18 तारीख) से नॉन-ब्रांडेड दालों और अन्य खाद्यान्नों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। यह फैसला छोटे व्यापारियों के लिए घातक है। इसलिए इसे तुरंत वापस लिया जाए।ऐसी विनती की है। Article By.- VikramMarket.
कृषि रिपोर्ट- प्याज,कपास भाव, बढे या घटे ?
कृषि रिपोर्ट- प्याज,कपास भाव, बढे या घटे ? AgricultureNews: कृषि मार्किट मैं गर्मियों का सीज़न का असर दिखने लगा है । मार्किट मैं सब्जी की आवक कम होने लगी है , वही प्याज और अन्य धान की आवक बढ़ती दिखाई दे रही है । आवक बढ़ने से उनके दाम मैं गिरावट आई है , आज हम इस आर्टिकल मैं प्याज , कपास , अरहर की मार्किट स्थिति की समझेंगे । प्याज – Onion Rate महाराष्ट्र राज्य के प्याज मार्किट में इस समय प्याज की आवक अधिक है। इससे प्याज की कीमतों पर दबाव है। इस समय प्याज औसतन 700 से 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। दूसरी ओर प्याज का निर्यात भी जारी है। लेकिन बाजार में आवक के दबाव के चलते कारोबारियों का कहना है कि कीमतों पर भी दबाव है। अगले महीने बाजार में आवक कम होने की संभावना है। लेकिन प्याज बाजार में आने वाले किसानों का अनुमान था कि अगले कुछ दिनों तक प्याज के दाम ऐसे ही बने रहेंगे। तुर ( अरहर ) – Tur rate इस समय देश में तुर ( अरहर ) के दाम बढ़ रहे हैं। कई क्षेत्रों में टूर की कटाई अब अपने अंतिम चरण में है। लेकिन बाजार में आवक नहीं बढ़ी। उत्पादन कम होने से किसान बेहतर कीमत का इंतजार कर रहे हैं। इस समय बाजार में तुर की औसत कीमत 7000 से 8000 रुपये के बीच है। एक अच्छी गुणवत्ता वाली तुर की कीमत 8,400 रुपये तक हो सकती है। लेकिन यह कीमत मार्किट मैं कम माल आने की वजह से मिल रही है। कपास – Cotton Rate इस साल किसानों ने कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में कपास को स्टॉक करके रखा है। कॉटन मार्केट में इस समय बड़े उतार-चढ़ाव हैं। कल देश और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कपास के भाव में नरमी देखने को मिली है। कल ज्यादा तर मार्केटों मैं कपास के भाव में 10 रुपये की नरमी देखने को मिली । कपास की औसत कीमत 7,900 रुपये से 8,400 रुपये के बीच रही। अदरक – Ginger Rate वर्तमान में अदरक की फसल की अधिकतम कीमत 20 से 22 हजार रुपए प्रति गाड़ी है। इस मौसम में भारी बारिश के कारण अदरक की फसल में जड़ सड़न के संक्रमण के कारण अदरक की फसल कहरब हुई है। कुल क्षेत्रफल का 20 प्रतिशत से अधिक भाग अदरक की फसल के अंतर्गत काटा जा चुका है। मूल्य में गिरावट के कारण महाराष्ट्र में बड़ी कमी के कारण अदरक की फसल का कुल क्षेत्रफल कम हो गया है। इससे भविष्य में रेट में और सुधार का अनुमान लगाया जा रहा है। Published: 21-2-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/02/21/20-%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-2023-_%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/21/20-%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-2023-_%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/11/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-1000-%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%9f%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/17/krushiyojna%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a5%ac-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%af/ Home पशुपालन Trend