Agriculture : सफ़ेद बैंगन की खेती Aubergine: बैंगन तो आपने बोहत देखे और खाये होंगे कुछ के तो पसंदीदा भी होंगे । किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा मुनफा भी कमाते है , और इसकी मार्किट मैं हमेशा मांग बानी रहती है । किन्तु के क्या आप जानते है सफ़ेद बैंगन के बारे मैं , जो बैंगनी रंग के दिखने वाले बैंगन से कई ज्यादा मंहगा और पौष्टिक है । जिसकी खेती बोहत कम जगहों पर होती है , और डिमांड हर जगह । सफ़ेद बैंगन को भारत के साथ साथ विदेशों मैं भी खासी मांग रहती है । कहा होती है सफ़ेद बैंगन की खेती ? वैसे देखा जाय तो सफेद बैंगन की खेती हालही मैं उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में की जाने लगी है । किन्तु इसका गड याने सबसे ज्यादा सफ़ेद बैंगन की खेती तो जम्मू में होती है। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसानों ने जम्मू मैं जाकर सफ़ेद बैंगन के बीज लाये थे , और अब वे उसकी सफल खेती कर पा रहे है । किन्तु बाकी राज्यों की तुलना मैं सफ़ेद बैंगन की खेती जम्मू मैं अधिक होती है । बैंगनी रंग के बैंगन और सफ़ेद बैंगन मैं क्या अंतर है ? दूसरे बैंगन ज्यादा तर हरे और बैंगनी, हल्के नीले रंग में पाए जाते हैं , वही सफ़ेद बैंगन पूरी तरह से सफ़ेद होता है – एकदम अंडे की तरह ।सफेद बैंगन का स्वाद हल्का मीठा और क्रीमी होता है। सफेद बैंगन के फायदे * सफेद बैंगन में बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के गुण मौजूद होते हैं, जो आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकती हैं। * सफेद बैंगन में मौजूद फाइबर कब्ज, गैस, एसिडिटी से जुड़ी सभी परेशानियां दूर कर देता। * सफ़ेद बैंगन मैं पाए जाने वाले खास तरह के पोषक तत्व ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल मेंटेन करते हैं। * सफेद बैंगन में फाइबर की अधिकता होती है, जो वजन को कम कर सकता है। इसका मतलब है की इसे खाने के बाद आपका पेट अच्छे से भर जाता है , और आपको बार बार भूख नहीं लगती । * सफेद बैंगन फाइटोन्यूट्रिएंट्स नामक प्राकृतिक केमिकल्स से भरपूर होते हैं, जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए जाना जाता है। यह शरीर और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बेहतर करने में आपकी मदद करता है। ब्रेन में ब्लड फ्लो बेहतर होने से याददाश्त क्षमता बढ़ती है। सफ़ेद बैंगन की खेती कैसे की जाती है ? सफ़ेद बैंगन की खेती ज्यादातर इलाको मैं साल भर की जाती है , इसलिए बैंगन की खेती किसी भी जलवायु वाली मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। आम बैंगन की जगह सफेद बैंगन की खेती से किसानों को भारी मुनाफा हो सकता है। सफेद बैंगन की खेती के लिए सबसे बेहतर समय फरवरी और मार्च का होता है। इसकी बुआई फरवरी अंत से लेकर शुरू मार्च तक की जाती है. हालांकि भारत में कई जगह यह दिसंबर में भी बोया जाता है। जून-जुलाई के महीने में ये बैंगन पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. जिन्हें बाजारों में बेचकर आप काफी मुनाफा कमा सकते हैं. तो अगर आप भी सब्जियां बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं तो सफेद बैंगन की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद है। किसान भाई ध्यान दे आपको इसके बीज चाइये तो आप गूगल पर जाकर सर्च कर सकते है की कोण कोण इसकी खेती कर रहा है , क्या उनके पास बीज है – वह पर आपको उनका सम्पर्क नंबर मिल सकता है । अगर आपको वह नहीं मिला तो आप हमे कांटेक्ट करे हम आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे । हां पर ध्यान रखे की इसके बीज कई जागों पर फर्जी भी होते है , तो ध्यान से ख़रीदे । Published: 24-12-2022 Article By.- VikramMarket. https://www.vikrammarket.com/2022/12/21/fruit_-दुनिया-के-५-सबसे-महंगे-फल/ Home https://www.vikrammarket.com/खेती-की-जानकारी/ Strawberry | स्ट्रॉबेरी की खेती-सिर्फ 40 दिन Top 5 भैंसे – सबसे ज्यादा दूध कम समय मैं लखपति_वनीला खेती
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एक ही पेड़ पर आलू ,टोमॅटो,बैंगन
Pomato: एक ही पेड़ पर आलू ,टोमॅटो,बैंगन Krushi: क्या आपने कभी ऐसा पेड़ देखा है जिसपर – टोमेटो , बैंगन , और आलू एक साथ लगे हो । है ये कोई करिश्मा नहीं बल्कि – विज्ञानं का अविष्कार है । इस तकनीक को ग्राफ्टिंग कहते है और इस पेड़ को पोमैटो कहते है । तो चलिए जानते है की कैसे एक ही पेड़ पर हम आलू , टोमेटो और बैंगन को ऊगा सकते है । भारत शुरवात से ही कृषि प्रधान देश रहा है , इस लिए खेती से जुड़े नई नई खोज होती रहती है – जिससे किसानों को लाभ हो सके ,और वे ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सके । ऐसी ही एक खोज वाराणसी मैं आने वाले शंहशाहपुर के कृषि वैज्ञानिक आनंद बहादुर सिंह जी ने की है । डॉ. आनंद बहादुर सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी मैं भारतीय सब्ज़ी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ आनंद बहादुर सिंह द्वारा ‘ग्राफ्टिंग तकनीक’ का उपयोग करके एक ही पौधे पर तीन अलग तरह की सब्ज़ियों उगने का प्रीसा किया गया , और आपको बात दे की वो साफ रहे। ग्राफ्टिंग तकनीक की मदत से वे टमाटर के पौधे में बैंगन के पौधे की कलम लगाकर एक ही पौधे पर एकसाथ दो सब्ज़ियां उगा रहे हैं। वैसे ग्रेटिंग तकनीक का शोध काफी पहले ही हुवा था , किन्तु एक पेड़ पर टिल सब्जिया ये प्रयोग डॉ आनद बहादुर जी ने कर दिखाया , और वे इस तकनीक को हासिल करने मैं सफल रहे । ग्राफ्टिंग तकनीक क्या है ? Plant Grafting: ग्राफ्टिंग एक बोहत ही आसान तकनीक है । ग्राफ्टिंग की तकनीक से एक ही पौध पर एक प्रजाति याने सब्जिओं की श्रृंखला मैं एक सामान उगने वाली सब्जी को लेना चाइये , “उदाहरण के लिए – टमाटर और बैंगन एक ही प्रजाति की सब्जियों मैं आती है” । इस तरह की सब्जी के पेड़ को लेकर दो या दो से अधिक तरह के फल-सब्जी एकसाथ उगाई जा सकती हैं। पोधों की विशेषता इस तरह से ग्राफ्टिंग पौधों की सबसे खास बात यह है कि इन्हे 24 से 28 डिग्री टैम्प्रेचर पर रखते हुए, ’85 प्रतिशत से ज़्यादा नमी’ और ‘बिना प्रकाश के नर्सरी’ में ही तैयार किया जा रहा है, है इसका मतलब के इसे ज्यादा धुप की आवशकता नहीं । डॉ आनंद के अनुसार- “ग्राफ्टिंग करने के 15 से 20 दिन के बाद इन पौधों को खेत में बो दिया जाता है, फिर इनमें आवश्यक मात्रा में उर्वरक व पानी दिया जाता है, साथ ही पौधे की कांट-छांट का काम किया जाता है, 60 से 70 दिन बाद इस पर सब्ज़ी आनी शुरु हो जाती है। और इस तरह की सब्जी को मार्किट मैं अच्छी कीमत भी मिलती है । भारतीय सब्जी अनुसंधान के डायरेक्टर डॉक्टर जगदीश सिंह जी का केहना है की इस तरह की तकनीक से किसानों की आया बढ़ जाएगी , उनकी रुधि होगी । और उनको कमाई का एक नया जरिया मिल सकता है । Published: 14-12-2022 Article By.- VikramMarket. WhatsApp Group Join https://www.vikrammarket.com/2022/11/26/gir_गिर-गाय-की-पूरी-जानकारी/ सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2022/12/08/भूत-झोलकिया_-सबसे-तीखी-मिर/ Home https://www.vikrammarket.com/2022/12/07/fish-farming_तिलापिया-मछली-पालन/
कृषि रिपोर्ट- प्याज,कपास भाव, बढे या घटे ?
कृषि रिपोर्ट- प्याज,कपास भाव, बढे या घटे ? AgricultureNews: कृषि मार्किट मैं गर्मियों का सीज़न का असर दिखने लगा है । मार्किट मैं सब्जी की आवक कम होने लगी है , वही प्याज और अन्य धान की आवक बढ़ती दिखाई दे रही है । आवक बढ़ने से उनके दाम मैं गिरावट आई है , आज हम इस आर्टिकल मैं प्याज , कपास , अरहर की मार्किट स्थिति की समझेंगे । प्याज – Onion Rate महाराष्ट्र राज्य के प्याज मार्किट में इस समय प्याज की आवक अधिक है। इससे प्याज की कीमतों पर दबाव है। इस समय प्याज औसतन 700 से 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। दूसरी ओर प्याज का निर्यात भी जारी है। लेकिन बाजार में आवक के दबाव के चलते कारोबारियों का कहना है कि कीमतों पर भी दबाव है। अगले महीने बाजार में आवक कम होने की संभावना है। लेकिन प्याज बाजार में आने वाले किसानों का अनुमान था कि अगले कुछ दिनों तक प्याज के दाम ऐसे ही बने रहेंगे। तुर ( अरहर ) – Tur rate इस समय देश में तुर ( अरहर ) के दाम बढ़ रहे हैं। कई क्षेत्रों में टूर की कटाई अब अपने अंतिम चरण में है। लेकिन बाजार में आवक नहीं बढ़ी। उत्पादन कम होने से किसान बेहतर कीमत का इंतजार कर रहे हैं। इस समय बाजार में तुर की औसत कीमत 7000 से 8000 रुपये के बीच है। एक अच्छी गुणवत्ता वाली तुर की कीमत 8,400 रुपये तक हो सकती है। लेकिन यह कीमत मार्किट मैं कम माल आने की वजह से मिल रही है। कपास – Cotton Rate इस साल किसानों ने कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में कपास को स्टॉक करके रखा है। कॉटन मार्केट में इस समय बड़े उतार-चढ़ाव हैं। कल देश और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कपास के भाव में नरमी देखने को मिली है। कल ज्यादा तर मार्केटों मैं कपास के भाव में 10 रुपये की नरमी देखने को मिली । कपास की औसत कीमत 7,900 रुपये से 8,400 रुपये के बीच रही। अदरक – Ginger Rate वर्तमान में अदरक की फसल की अधिकतम कीमत 20 से 22 हजार रुपए प्रति गाड़ी है। इस मौसम में भारी बारिश के कारण अदरक की फसल में जड़ सड़न के संक्रमण के कारण अदरक की फसल कहरब हुई है। कुल क्षेत्रफल का 20 प्रतिशत से अधिक भाग अदरक की फसल के अंतर्गत काटा जा चुका है। मूल्य में गिरावट के कारण महाराष्ट्र में बड़ी कमी के कारण अदरक की फसल का कुल क्षेत्रफल कम हो गया है। इससे भविष्य में रेट में और सुधार का अनुमान लगाया जा रहा है। Published: 21-2-2023 Article By.- VikramMarket. सभी मार्किट भाव https://www.vikrammarket.com/2023/02/21/20-%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-2023-_%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/21/20-%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-2023-_%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/11/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-1000-%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%9f%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/ https://www.vikrammarket.com/2023/02/17/krushiyojna%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a5%ac-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%af/ Home पशुपालन Trend